Meera Ramnivas

Inspirational

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Meera Ramnivas

Inspirational

"मान"

"मान"

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      श्रीमान परदेशी लाल अपनी श्रीमति प्रतिमा देवी के साथ सब्जी लेने घर से निकले थे ।रास्ते भर दोनों इधर उधर की बतियाते रहे अंत में बात अपने बेटे की शादी पर आकर ठहर गई ।इतने में सामने से एक युवति आती हुई दिखी,।युवति ने बिना बांह वाला टाॅप और स्कर्ट पहन रखी थी ।टाॅप बहुत ही छोटा था। कमर पर आकर ठहर गया था।   


    श्रीमति प्रतिमा ने युवती को छोटे कपड़ों में देखा तो मन को जंचा नहीं। थोड़ा असमान्य सा महसूस किया।युवति उनकी बेटी की उम्र की थी।जब उनसे रहा न गया तो वे अपने पति से बोली "इस युवति ने ये कैसे कपड़े पहने हैं।आपने नोटिस किया"   


  "ठीकठाक ही तो पहने हुए हैं। पूरा शरीर ढका हुआ है" पति बोले। "क्या खाक पहने हैं। टाॅप में बाहें नहीं हैं ।ऊपर से इतना छोटा टाॅप कि पेट कभी भी बाहर झांकने लगेगा। इस पीढ़ी के दिल में बड़ों के लिए मान है कि नहीं।"

 "ऐसा कतई नहीं है ।ये पीढ़ी बहुत समझदार है ।बड़ों का मान भी रखती है, और अपने शौक भी पूरे करती है" श्रीमान बोले ।"वो कैसे?" श्रीमती ने पूछा।"वो ऐसे कि आज के युवक युवति घर के बाहर ही ऐसे कपड़े पहनते हैं ।पार्टी में या बाहर घूमते वक्त ।घर से तो ठीक ठाक कपड़ों में ही निकलते हैं।दोस्त के घर जाकर फैशन अनुरुप कपड़े पहन लेते हैं।" श्रीमान परदेशी बोले । 

 "यदि माँ बाप ने कभी देख लिया तो ?"श्रीमति बोली ।"देख भी लेते हैं तो मां पिता खुद अनदेखा कर लेते हैं।लेकिन क्यों? क्योंकि उन्हें ये संतोष है कि बच्चे उनका मान तो रखते हैं।घर से ठीक से कपड़े पहन कर निकलते हैं ।यदि टोक दिया और बच्चों ने किसी दिन कह दिया कि हम तो पहनेंगे। फिर युवा ये भी तो सोच सकते हैं कि अब देख ही लिया है तो क्या छुपाना।उनकी झिझक खुल जायेगी। फिर वे घर से ही छोटे कपड़े पहन कर निकलने लगेगें।हां ये बात भी सही है ।"


    थोड़े दिनों बाद उनके बेटे की शादी हो हुई ।बहू आ गई।बहू अपने बड़ों का खूब मान करती थी।घर बाहर सलीके से रहती थी।एक दिन बहू अपनी सहेली के घर जाने के लिए निकली और अचानक से श्रीमति प्रतिमा का भी घर से बाहर निकलना हुआ। बहन के बेटे का फोन आया और तुरंत बीमार बहन के समाचार लेने निकल पड़ी । 

    थोड़ी दूर जाकर देखती हैं कि बहू पेंट और टाॅप पहने सहेलियों संग गन्ने का जूस पी रही थी।श्रीमती प्रतिमा को एक बार तो लगा कि उसके पास जाकर उसको आंखें दिखाऊं और कहूं कि ये क्या बेढंगे कपड़े पहने हैं तुमने बहू। 

किन्तु अगले ही पल में उन्हें अपने पति की कही बात याद आ गई। जो मान बना हुआ है उसे बने रहने देना ही अच्छा है।सामने जाने से बहू की झिझक खुल जायेगी और फिर घर से ही ऐसे कपड़े पहन कर निकलने लगी तो क्या होगा।अभी हमारा मान तो बना हुआ है।कल को घर से ही ऐसे कपडों में निकलने लगी तो लोग क्या कहेंगे। श्रीमति प्रतिभाअपनी बहू को अनदेखा कर आगे बढ़ गई ।। 

              


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