Meera Ramnivas

Children Stories

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Meera Ramnivas

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जीत बदल गया

जीत बदल गया

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जीत और मोहक दोनों एक ही स्कूल और क्लास में पढ़ते थे।दोनों अच्छे दोस्त थे।किंतु दोनों में बड़ा फर्क था।जीत बहुत शरारती था, वह हमेशा पढ़ाई से जी चुराता था,क्लास में ध्यान से नहीं सुनता था। इसलिए पढ़ाई में अच्छे नंबर नहीं ला पाता था।अकसर होमवर्क नहीं करता था,स्कूल में टीचर से डांट खाता था। 

मोहक इ सके विपरीत था। मोहक शांत सौम्य स्वभाव का था। पढ़ाई मन लगाकर कर करता था। बहुत ही होशियार और मेहनती था।रोजाना अपना होमवर्क करता, कक्षा में ध्यान से सुनता, सदा अच्छे अंक लाता था। टीचर से सदा शाबाशी पाता था।

जीत को स्कूल की दूसरी गतिविधियों में भी कोई रस नहीं था। मोहक पढ़ाई के साथ साथ स्कूल की अन्य गतिविधियों में भी भाग लेता था।दौड़ में वह सदा प्रथम स्थान लाता था। स्कूल के वार्षिक उत्सव में पढ़ाई और खेलकूद में सदा पुरस्कार पाता था। जीत अपनी शरारतों और अनुशासन भंग करने के लिए सजा पाता था।

दोनों एक ही बस से स्कूल आते जाते थे।सब बच्चे मोहक के संग बातें करते थे,क्योंकि उसका व्यवहार सबके साथ अच्छा था किसी को तंग नहीं करता था।

 जीत को कोई पसंद नहीं करता था। सब उससे दूर भागते थे ,क्योंकि वह रोज नई नई शरारतें करता रहता था। किसी की काॅलर खींच देता, किसी को पीछे से चपत लगा देता था।सब उसकी हरकतों से परेशान होकर शिकायत किया करते थे। उसकी नित नई शिकायतें सुन कर मां पिता परेशान थे।

  मोहक अपना होमवर्क करने के बाद शाम को पार्क में खेलने जाता था।जीत स्कूल से घर पहुँचते ही मोबाइल लेकर बैठ जाता। अपना बैग और जूते भी ठिकाने पर नहीं रखता। अपनी किताबें, कपड़े यहां वहां बिखेर दिया करता। शाम होते ही खेलने चला आता।  

जीत और मोहक सोसायटी के पास बने पार्क में साथ ही खेलते थे। शाम को दोनों की मातायें पार्क में घूमने आया करतीं और दोनों बच्चों को अपने साथ लेकर घर 

लौटती थीं।

जीत की मां मोहक को देख बहुत खुश होती सदा मोहक की मां से उसकी तारीफ करते हुए कहतीं ,"बहनजी आपका मोहक कितना समझदार बच्चा है। हमेशा अच्छे नंबरों से पास होता है, स्कूल से कभी कोई शिकायत भी नहीं आती। वे मोहक की प्रशंसा करते हुए जीत को कहतीं, जीत तुम भी मोहक की तरह बनो बेटे! मेहनत करो , अच्छे नंबर पाओ, मोहक की कभी कोई शिकायत नहीं आती।

  जीत हमेशा मां की बात अनसुनी कर देता, मोहक की प्रशंसा सुनना जीत को कतई पसंद नहीं आता था। उसे बहुत गुस्सा आता था।उसे मोहक के प्रति ईर्ष्या होने लगी थी।

जीत इम्तिहान से पहले रिवीजन करने के लिए हर बार मोहक से नोट बुक मांगता था। मोहक उसे खुशी से अच्छे दोस्त की तरह हमेशा दे दिया करता था।

स्कूल के वार्षिक इम्तहान नजदीक थे। स्कूल में रिवीजन चल रहा था। एकदिन रिसेस के समय जीत जल्दी से क्लास रूम पहुंच गया और मोहक की नोट बुक को उसके बैग से निकाल कर अपने बैग में छुपा लिया। रिसेस के बाद टीचर ने सभी छात्रों से अपनी अपनी नोट बुक खोल कर ब्लैक बोर्ड पर लिखे प्रश्न हल करने को कहा।

मोहक ने अपना बैग खोला तो पाया कि उसकी नोट बुक गायब थी। उसने टीचर से कहा मैम मेरी नोट बुक बैग में नहीं है। किसी ने चुराली है।

 टीचर ने सभी बच्चों से पूछा किसी ने मोहक की नोट बुक देखी है, सब बच्चों ने मना कर दिया।फिर टीचर ने सभी बच्चों को एक एक करके अपने बैग लेकर अपने पास आने को कहा। सभी बच्चे अपने बैग लेकर टीचर के पास जाने लगे।

 जीत अपनी चोरी पकड़े जाने के भय से घबराया हुआ था।अपना नंबर आते ही वह बोला मैम मैं वाशरूम जाऊं। उसके हावभाव से टीचर को संदेह हुआ और लगा नोट बुक अवश्य जीत के पास ही है।

  जीत बोलते हुए नजरें चुरा रहा था।आवाज में भी आत्मविश्वास नहीं था।जीत बेटे !क्या नोट बुक तुम्हारे पास है?। हां मैम! ठीक है नोट बुक लेकर इधर आओ।मोहक तुम भी आओ।

जीत ने नोट बुक मोहक को वापस करते हुए कहा "साॅरी यार !माँ रोज तुम्हारे अच्छे नंबरों को लेकर मुझे डांटती हैं। मैंने सोचा इस बार तुम्हारे मार्कस कम आयेंगे तो माँ मुझे कुछ नहीं कहेगी, इसीलिए नोटबुक छुपाई थी।

टीचर ने जीत को पास बुलाया और प्यार से समझाते हुए कहा" बेटा तुम भी यदि पढाई करोगे तो मोहक से भी अच्छे मार्कस ला सकते हो" टीचर ने जीत को भविष्य में मेहनत से पढ़ने, क्लास में ध्यान से सुनने तथा शरारतें कम करने की सलाह देते हुए प्यार से समझाया। मोहक ने हंस कर उसे माफ करते हुए कहा जीत! तुम चाहो तो इम्तिहान की तैयारी मेरे घर पर मेरे साथ कर सकते हो।।अच्छे दोस्तों की तरह छुट्टी के बाद दोनों घर चले आए।

जीत को अपने किए पर बहुत पछतावा हुआ। उसने अपनी मां को सारी बातें सच सच बता दीं। मां ने प्यार से उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा बेटा! तुम्हें अपनी भूल पर पश्चाताप हुआ,अब सब भूल कर आगे बढ़ो। हां मां! मैंने आपकी और टीचर की सीख को न मानकर बड़ा गलत किया। लेकिन अबसे मोहक की तरह मैं भी समय का सदुपयोग करूंगा। पढ़ाई में मन लगाऊंगा। 

  जीत ने रात को सोने से पूर्व अपने आपसे वादा लिया और निश्चय किया कि कल से सारी शरारतें छोड़ देगा। मेहनत से पढ़ाई करके टीचर और मां को खुश कर देगा।मोबाइल में अपना समय बर्बाद न करके स्कूल होमवर्क करुंगा।

जीत ने अपनी गलत आदतें बदल डाली। जीत के अच्छे व्यवहार को देख सभी विद्यार्थी उससे बातें करने लगे। जीत ने इम्तिहान भी अच्छे नंबरों से पास कर लिया। 


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