यह कहानी निम्नमध्यम वर्ग के परिवार के विषय मे उस समय की है जब लोग कपड़ों के बदरंग होने पर उसे नये रं... यह कहानी निम्नमध्यम वर्ग के परिवार के विषय मे उस समय की है जब लोग कपड़ों के बदरं...
ये मैं आपके चेहरे को देखकर समझ गया हूँ। अब मुझे आइना देखने की जरूरत नहीं। ये मैं आपके चेहरे को देखकर समझ गया हूँ। अब मुझे आइना देखने की जरूरत नहीं।
पर अब ऐसा नहीं था अब पत्नी का बटुआ भी उसके साथ था। पर अब ऐसा नहीं था अब पत्नी का बटुआ भी उसके साथ था।
एक जोरदार स्पीच लिखने बैठ गई ताकि उसके पति और बेटे कोई गलती न निकाल सके। एक जोरदार स्पीच लिखने बैठ गई ताकि उसके पति और बेटे कोई गलती न निकाल सके।
इस संसार की कुंठित मानसिकता से हमेशा निर्भया ही क्यो जन्म लेती है निर्भय क्यों नहीं ? इस संसार की कुंठित मानसिकता से हमेशा निर्भया ही क्यो जन्म लेती है निर्भय क्यों न...
अपनी-अपनी मानसिकता के हिसाब से शब्दों का उत्पादन करने लगें। अपनी-अपनी मानसिकता के हिसाब से शब्दों का उत्पादन करने लगें।