सशक्त महिला
सशक्त महिला
सुबह2 नींद खुलते ही शालिनी अपना मेल चेक करने लगी। शालिनी को कल एक महिला सशक्तिकरण समारोह में बुलाया गया था।स्थान का नाम देख ते ही वो चौंकी"
"अरे ये जगह तो बहुत दूर है उसके घर से।"
"फिर इनसे भी पूछना पड़ेगा??कौन लेकर जाएगा मुझे।अकेले जाने भी नहीं देंगे। इनसे मूड देख कर ही बात करना पड़ेगा""।यह सोचते2शालिनी अपने घर के दैनिक काम में लग गई।
दोपहर तक उसे मेल का जवाब भी देना था,इसलिए एक बार शालिनी अपने पति से धीरे से पूछी भी?? पर पति महाशय फोन पर किसी को इतना डाँट रहे थे कि शालिनी की हिम्मत ही नही हुई...!
सोचा फोन से पूछ लूंगी। दोपहर का काम खत्म करके शालिनी ने एक बार फोन किया तो पति महोदय ने बड़ी जोर से झल्ला कर पूछा "क्या है??क्यों मरी जा रही हो ? क्या अटक गया अब ?"
"जी कुछ नहीं कह कर शालिनी ने फोन जल्दी से रख दिया।अब क्या करे??जल्दी से उसने बड़े बेटे को फोन लगाया ये पूछने के लिए कि क्या कल वो उसे वहां तक छोड़ देगा ?
बेटे ने फोन उठाया।
"क्या हुआ मॉम ? क्या कहाँ जाना है ?
अरे वो जगह तो बहुत दूर है??अच्छा सुनो आप स्पीच तैयार करो। करेक्शन भी करना पड़ेगा न ? पिछली बार बहुत कुछ छोड़ दिया था आपने पापा मेरे को चिल्ला रहे थे ?"
"हेलो ! सुन रही हो न आप ? और हां कपड़े भी वो मत पहन पहनना जो पिछले समारोह में पहन लिया था।"
"हां बंटी ठीक है। कह कर शालिनी ने फोन रख दिया।और महिला सशक्तिकरण पर एक जोरदार स्पीच लिखने बैठ गई ताकि उसके पति और बेटे कोई गलती न निकाल सके।