Pawan Gupta

Inspirational

4.3  

Pawan Gupta

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माँ का सपना

माँ का सपना

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 आज मैंने अपना लंच खोला तो उसमे छोले भठूरे थे, छोले क्या चटपटे थे, उसे खा कर मेरी फ्रेंड लता ने कहा " क्या बात है, तुम्हारी माँ बहुत टेस्टी खाना बनती है, मन करता है कि तुम्हारी टिफिन को भी चाट जाऊ।

  उसकी बातें सुनकर हम सब हँसने लगे, आज के छोले मुझे भी बहुत अच्छे लगे थे। मैं सोचने लगी कि कभी कभी यही छोले अच्छे नहीं बनते है, इसका क्या कारण होगा। इतने में हमारा लंच टाइम खत्म हो गया और अगली विषय की घंटी बज गई। पर आज पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था, मेरा मन कहीं और ही खोया हुआ था, मैं बस यही सोच रही थी कि कब स्कूल की छुट्टी हो और कब मैं माँ के पास जाऊँ। मेरे मन में बहुत से सवाल उमड़ रहे थे, इन सवालों के जबाब माँ ही दे सकती थी, और मेरे मन को शांत कर सकती थी। आखिरकार मेरे सबर करने का टाइम खत्म हुआ और मेरे स्कूल की छुट्टी हो गई।


घर पहुंच कर सबसे पहले हाथ पैर धोकर ड्रेस चेंज किया। माँ ने किचन से आवाज़ दी खाना ला रही हूँ, अभी खाने बैठ जा। माँ खाना ले आई, माँ भी मेरे साथ ही खाना खाने बैठ गई। खाना खाते हुए मैंने माँ से कहा "माँ आज मेरी फ्रेंड लता ने आपके खाने की खूब तारीफ की, बोलने लगी कि मन करता है की लंच बॉक्स ही खा जाऊँ, उसकी बातें सुन सब हँसने लगे स्कूल में। माँ ने कहा अच्छा अच्छा जल्दी खत्म करो अपना खाना। माँ एक बात पूछू (मैंने माँ से कहा ) माँ ने बोला हां बोलो ....

मैंने कहा " माँ कभी कभी आपका खाना बहुत टेस्टी होता है,और कभी कभी टेस्टी नहीं होता है ,क्यों।

माँ (घुसते हुए ) ये क्या फालतू के सवाल कर रही है...मैंने ज़िद करते हुए बोला " बताओ ना माँ "मुझे भी जानना है, क्युकी मैं एक अच्छी शेफ बनना चाहती हूँ...

माँ - अच्छा तुझे शेफ बनना है, तो सुन किसी भी खाने की जान उस खाने में डाले जाने वाले मसाले होते है, मसाले कम या अधिक डालने पर खाने का स्वाद ख़राब हो सकता है, इसीलिए सही अनुपात में मसालों का उपयोग करना चाहिए!

मैंने कहा (माँ को रोकते हुए ) " अच्छा माँ ये मसाले कहाँ से आये कैसे आये ,पता है क्या आपको।

माँ - तू मेरा दिमाग मत खा तू ये सब सवाल अपने टीचर से क्यों नहीं पूछती है।

मैं जिद करते हुए बोली " बताओ न माँ प्लीज बताओ न "

माँ ने कहा " अच्छा ध्यान से सुनो "


भोजन को सुवास बनाने, रंगने या संरक्षित करने के उद्देश्य से उसमें मिलाए जाने वाले सूखे बीज, फल, जड़, छाल, या सब्जियों को 'मसाला (spice) कहते हैं। कभी-कभी मसाले का प्रयोग दूसरे फ्लेवर को छुपाने के लिए भी किया जाता है। मसाले, जड़ी-बूटियों से अलग हैं। पत्तेदार हरे पौधों के विभिन्न भागों को जड़ी-बूटी (हर्ब) कहते हैं। इनका भी उपयोग फ्लेवर देने या अलंकृत करने (garnish) के लिए किया जाता है। बहुत से मसालों में सूक्ष्मजीवाणुओं को नष्ट करने की क्षमता पाई जाती है। और अधिकतर मसले हमारे देश की ही है।

भारतीय मसाले देश और दुनिया सभी जगह अपनी खुशबू और रंग के लिए मशहूर हैं। भारतीय किचन की इन बेसिक जरूरत पर आप भी जीरा, इलायची, बड़ी इलायची, दालचीनी, हल्दी, मिर्च, धनिया जैसी मसाला व्यापार कर अपना कारोबार खड़ा खड़ा कर सकते हैं। खारी बावली न केवल एशिया का सबसे बड़ा थोक मसाला बाजार बन गया है बल्कि इसे उत्तरी भारत का एक सबसे महत्वपूर्ण व्यावसायिक केंद्र भी माना जाता है। यहाँ पर व्यापारी और दुकानदार, मसालों (स्थानीय और विदेशी दोनों), सूखे मेवों और अन्य वस्तुओं को सबसे सस्ते दामों व अच्छे सौदे के रूप में खरीदने के लिए आ सकते हैं।

   

वाह वाह माँ आपके पास तो बहुत ज्ञान है,

माँ ने कहा - हां मैंने 10वी में गृह विज्ञान की पढ़ाई की थी, मुझे भी तुम्हारी तरह शेफ बनने का मन था, पर शादी के बाद सब छूट गया।

मैंने कहा " अच्छा माँ कोई बात नहीं मैं शेफ बनूँगी न आप अपनी सारी इनफार्मेशन मुझे देना, मैं आपके सपने को पूरा करुँगी। ये बात सुनकर माँ की आंखे भर आई। 

माँ बोली बिल्कुल। 

तुझे जो करना है ,करना। पूरे मन से करना मैं सब सीखा दूंगी। मैं भी तुझे एक दिन अच्छी शेफ बनते देखना चाहती हूँ। मैंने भी माँ को गले लगते हुए कहा "हां माँ आपकी बेटी एक दिन बड़ी शेफ बनेगी....


 

        


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