लॉक्डाउन२ बहरवां दिन
लॉक्डाउन२ बहरवां दिन
प्रिय डायरी
दिन बीतते जा रहे हैं वैश्विक महामारी कारोना रुकने का नाम ही नहीं ले रही आज शुरू से लॉकडाउन का 34वाँ दिन है पूरा विश्व कोरोना संक्रमण से दुखित है जहां 29.9 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं और 2.06 लाख से अधिक लोग इस रोग के ग्रास बन चुके हैं। हमारा देश भी इस त्रासदी को झेल रहा है। देश में 27 हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हैं और आठ सौ से अधिक इसके ग्रास बन चुके हैं। चिकित्सा वैज्ञानिक, सुरक्षा कर्मी, सफ़ाई कर्मचारी और अनगिनत हाथ सामूहिक रूप से इस रोग से लड़ रहे हैं। परन्तु अभी तक हालात क़ाबू में नहीं हुए हैं।
प्रिय डायरी कुछ व्यक्ति अभी भी नहीं सुधर रहे... सैर करने के बहाने या फिर कुत्ते घुमाने के बहाने यहाँ वहाँ घूम रहे हैं ये वो व्यक्ति हैं जो अपने साथ साथ देश के भी दुश्मन हैं... उन्हें तो ताला बंद कर चाबी फेंक देनी चाहिये।
प्रिय डायरी घर पर रह अगर हम योग का सहारा लेंगे तब भी स्वस्थ रहेंगे उल्टा मन और चित दोनो शान्त होंगे... अच्छी किताबें पढ़ेंगे तो समय कटने के साथ साथ बौद्धिक विकास भी होगा... अब तो
ये भी नहीं कह सकते की किताब कहाँ से लाए इस आधुनिक युग में सबके पास मोबाइल है और गूगल पर सब उपलब्ध है।
व्यक्ति चाहे तो बहुत काम है जीवन मे पीछे पढ़ रही थी कहीं खबर में ही छपा था एक स्कूल में कुछ मज़दूर जो कोरांटिन थे उन्होंने पूरा स्कूल ही रंग कर सुन्दर बना दिया, तो कहने का मतलब है जहां चाह वहीं राह। सबके घर पर कई ऐसे काम होंगे जिसको हम किसी ना किसी से करवाना चाह रहे होंगे वो खुद भी कर सकते हैं... समय ही समय है सदुपयोग करना सीखना है।
प्रिय डायरी आज सबसे घर पर रहने का निवेदन करूँगी ताकि हम डॉक्टर, पुलीस इत्यादि की मदद कर सकें कुछ और भागीदारी नहीं कम से कम एक अच्छे नागरिक का कर्तव्य निर्वाह करते हुए घर पर रह इनका काम कम कर सकते हैं... समय एकता का है एकजुट होंगे तो लड़ाई आसान होगी और जीत भी पक्की बस थोड़ा धैर्य की आवश्यकता है, थोड़ी जागरूकता की आवश्यकता है... आज इतना ही प्रिय सखी आज मन विचलित है कुछ...
रखना ना एक भी कदम बाहर
कुछ देर ठहर तू घर के अन्दर
सब्र कर तू थक मत अभी यूँ
अच्छे दिन फिर से जरूर आएँगे ।