लॉकडाउन
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आज लाॅकडाउन का साठवाँ दिन था ,समय व्यतीत करने के लिए कुसुम भण्डार ग्रह का सामान सही कर रही थी तभी अचानक एक पुराने एलबम से एक श्वेत श्याम तस्वीर नीचे गिर गई। उसने उठाकर देखा तो वह उसके पति राजीव के बचपन की थी। उत्सुक्ता वश उसने बाकी तस्वीरों पर नजर डाली तो उसकी हँसी छूट गई किसी में उनके मुंडन की, तो किसी में उनकी मिट्टी में खेलते हुए तस्वीर थी। यह सारी तस्वीरें पापा जी के पुराने कैमरे से ली गई थी जो इन्हें आज भी बहुत अजीज हैं। आज इतने वर्षों पश्चात पुरानी स्मृतियों में खो जाने के लिए मैं एलबम और कैमरे के साथ इनकी ओर बढ़ चली। इस लाॅकडाउन में अपने शौक के लिए अब हमारे पास समय ही समय था।
