लॉक डाउन का समय बढ़ जाना
लॉक डाउन का समय बढ़ जाना
कभी-कभी इंसान की जिंदगी में ऐसे मोड़ आ जाते हैं जिससे व्यक्ति अंतरात्मा से दुखी होकर भी कुछ नहीं कर पाता है। ऐसा ही एक मोड़ हमारे मुख्यमंत्री जी योगी आदित्यनाथ जी के जीवन में भी आया उन्होंने कभी सोचा नहीं होगा कि एक बेटा होने के बावजूद भी वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं जा पाएंगे। कैसी विडंबना है यह सब क्यों हुआ? इसलिए हुआ न कि पूरे विश्व पटल पर कोरोना वायरस फैला हुआ है। यदि यह कोरोनावायरस में अपनी जड़ें न फैलाये होती तो आज योगी जी को ही दिन न देखना पड़ता है । योगी जी अपने पिता के दाह संस्कार में जाने से वंचित नहीं होते। इंसान की जिंदगी में कैसे कैसे पल आते हैं क्या कभी योगी जी ने सोचा था कि जब मेरे पिता अंतिम सांस ले रहे होंगे तो मैं उनके अंतिम दर्शन भी ना कर पाऊंगा आज जिंदगी ने उनको दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया योगी के दिल पर क्या बीत रही होगी अंदर ही अंदर वह टूट रहे होंगे ।अपने मन की बात किसी से कह नहीं सकते। जीवन में परिस्थिति इंसान से बहुत कुछ करा लेती है इस वक्त का भी क्या भरोसा कब किसके साथ क्या हो जाए योगी जी की आंखों में आंसू है लेकिन आपने मन की व्यथा को कह नहीं पा रहे हैं इतनी मार्मिक व्यथा है इंसान चाहते हुए भी अपने दिल की बात किसी से नहीं कह सकता।