कर्फ्यू का अठारहवां दिन
कर्फ्यू का अठारहवां दिन


कहते हैं जो कुछ होता है अच्छे के लिए होता है ,क्योंकि वक्त इंसान को बहुत कुछ सिखा देता है शायद इसीलिए कोरोना वायरस आया हो। क्योंकि इस लॉक डाउन के समय आम जनता जो कर रही है वह नहीं होता अब देखो छोटे-छोटे बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं बच्चे अपने माता-पिता के साथ समय नहीं बिता पाते थे लेकिन आज अभिभावक अपने बच्चों को पूरा समय दे रहे हैं क्योंकि अब तक इस भौतिकवादी युग में माता- पिता के पास बच्चों के लिए समय ही नहीं था लेकिन इस दौरान कुछ माता पिता ऐसे भी हैं जो अपने कर्तव्य के लिए बच्चों की सूरत भी नहीं देख पा रहे हैं मैं उनको धन्यवाद ज्ञापन करती हूं ,लेकिन अधिकतर बच्चे अपना समय कुछ नया कार्य करने में व्यतीत कर रहे हैं जिस बच्चे की जिसमे रुचि होती है अब मुझे ही देख लो मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं कभी ऑनलाइन क्लास पढ़ाऊंगी लेकिन आज मुझे इस कोरोना वायरस में यह भी सिखा दिया और मुझे तो ऑनलाइन बात करना भी नहीं आती थी की वीडियो कॉलिंग मैं हम एक साथ 50 लोगों के साथ कैसे बात कर सकते हैं मैं इससे बिल्कुल अनभिज्ञ थी लेकिन इसने मुझे यह सिखा दिया ।