कर्फ्यू का 21 वा दिन
कर्फ्यू का 21 वा दिन


यह अदृश्य वायरस अपने पैर पसार रहा है इसलिए यह लोकडाउन को बढ़ा दिया गया लेकिन शायद कुछ पढ़े-लिखे लोग इस बात को समझने को तैयार ही नहीं वह बिना मास्क लगाए घूमने निकल जाते हैं।
पता नहीं क्या चाहते हैं दुनिया में त्राहि-त्राहि मची हुई है क्योंकि यदि एक गरीब व्यक्ति किसी पढ़े-लिखे लोगों को टोकता है कि मैडम बाहर जा रही हूं तो मास्क लगा लो तो उस गरीब व्यक्ति को उसका काम सिखा दिया जाता है कि तुम केवल अपने काम से काम रखो मुझे मत सिखाओ।
अब इन कुछ पढ़े-लिखे लोगों को कौन समझाए कि इस अदृश्य वायरस का बहुत ही खतरा है कि एक व्यक्ति की संक्रमित होने से ही बहुत व्यक्ति खतरे में पड़ सकते हैं लेकिन क्या किया जाय। क्या राजा का कर्तव्य है कि वह अपने कर्तव्य को करता रहे और जनता उसका सहयोग ना करें।
राजा के साथ जनता का भी पूरा फर्ज बनता है कि राजा का सहयोग प्रदान करें। घर में रहें सुरक्षित रहें।