अनुभव
अनुभव
हेलो ! कौन बोल रहा है।
अरे ! दीदी मैं बोल रही हूं विदिशा, हां, बोलो तुमने बहुत समय बाद फोन किया।
आज कैसे मेरी याद आ गई कुछ नहीं बस ऐसे ही और सुनाओ क्या हाल-चाल है,अच्छे हैं दीदी।
आजकल तो काम करते-करते मेरी पूरी कमर ही टूट गई है, क्यों? काम वाली नहीं आ रही है, हां यार वो तो है। अब तो घर का सारा काम खुद ही करना पड़ता है। और दीदी आप सुनाओ, आपका क्या चल रहा है, कुछ नहीं यार बस ऐसे ही समय कट रहा है पता है।
मुझे ऐसा लगता है अब की बार शायद मज़दूर वर्ग को भी एक बात समझ आ गई होगी कि हमें पैसे बचा कर रखने चाहिए क्योंकि श्रमिक वर्ग का आज कमाया और आज ही ख़र्च कर लो वाला हिसाब रहता है।
हां, और आप बताओ कॉलेज चल रहा है या नहीं। अरे नहीं यार कॉलेज में जाना है बंद है कोरोना के चक्कर में और क्या तब से ही कॉलेज बंद है, तो आपका मन कैसे लगता होगा। अरे यार, क्या बताऊं चार महीने से घर में ही कैद हूँ।
मैं तो निकल ही नहीं रही हूं बिल्कुल भी घर से निकलना तो खतरे से खाली नहीं है। नहीं यार मैं तो बिल्कुल भी नहीं निकली हूं यहां तक कि किसी काम की नहीं काम के लिए भी मैं नहीं गई हूं, क्योंकि घर का सारा सामान तो पति ही करते हैं बाकी चीज की अभी कोई ऐसी जरूरत नहीं है।
मन करता है कि अब सारा काम बाद में हो जाएगा वैसे ही तो मैंने टेंशन लेना छोड़ दिया है।
यार कॉलेज वालों ने तो मना कर दिया अब कॉलेज जब तक नहीं खुलेगा तब तक।
कोई नहीं यार मुझे तो कॉलेज मैनेजमेंट की बात समझ से परे है मुझे ही क्या कॉलेज में जितने भी कर्मचारी हैं।
सबके मन में यह बात है कि हमारा घर खर्च कैसे चलेगा ?
हां यार आपस में तो बात हो जाती हैं
और आपने इन चार महीनों में क्या किया, क्योंकि आप तो खाली बैठने वालों में से नहीं हो।
हाँ यार, मन लगाने के लिए व्यक्ति को कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा
मैंने तो घर का काम किया बाकी समय जो कुछ मिला उसमें मैंने कुछ अपनी पढ़ाई से संबंधित कार्य किया और एक किताब को संपादित करने की सोच रही हूँ बस उस पर काम चल रहा है और थोड़ा वह सिलाई का काम भी कर लिया कर लेती हूं। अरे वाह, आपको सिलाई भी आती है हां बस थोड़ी बहुत कर लेती हूं ।
यार अब तक तो यह था कि कॉलेज आने जाने के चक्कर में नहीं कर पाती थी अब क्या है घर पर ही हूं तो सोचा थोड़ा सा कुछ काम भी कर लिया जाए. तो क्या किया आपने ?
मैंने ऐसा कुछ खास नहीं ,बस थोड़ा बहुत राधा कृष्ण भगवान की पोशाक बनायीं ।
सोफे के कवर बनाये और कुछ डेकोरेशन की चीजें।
अरे हां यार पता है ,शायद सुन कर तुम को हैरानी हो।
मैंने पता है मास्क भी बनाए हैं अरे वाह, लेकिन मास्क बनाने की क्या जरूरत थी आपको,
अरे यार हुआ यूं कि कई बार हमारे कॉलेज में मीटिंग हुई उसमें एक मैडम से कई बार कहा गया कि मास्क बच्चों से बनवा कर दान करा दें।
लेकिन उनको को तो करना ही ना था, तो यह काम नहीं किया ।
खैर जो भी हो पता नहीं अचानक से मेरे मन में ख्याल आया कि इस काम को तू ही कर डाल ।
मैंने मास्क बनाया, मैंने दो या तीन बार कोशिश की मास्क तैयार हो गया फिर मैंने दो-चार लोगों से पूछा यह कैसा है तो फिर क्या था मैंने धीरे धीरे करके 200 मास्क बना दिये
आपका जवाब नहीं। अरे नहीं यार, पता नहीं मेरे मन में उस दिन से ही था कि जब से कोरोना महामारी फैली है लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है बस तो मैंने कर दिया।
चलो दीदी ! अब बहुत देर हो गई है ये भी आते होंगे बाद में बात करते हैं ओके बाय
बाय यार