STORYMIRROR

Shalini Dikshit

Inspirational

2  

Shalini Dikshit

Inspirational

लिलीपुट की यादें

लिलीपुट की यादें

2 mins
156

प्रिया के साथ दो घटनाएं हुईं यूँ तो बहुत ही साधारण सी हैं। ऐसा सब कुछ होता रहता है, पर इस बार उसे इतना क्यों महसूस हो रहा समझ नहीं पा रही है मन में कई सवाल भी उठ रहे है।

मैं सुबह ब्रश करने ही जा रही थी की एक बहुत ही छोटी छिपकली का बच्चा दिख गया। उसको भागना सबसे जरूरी लगा, उसको झाड़ू से सरकाते हुए बाहर छत पर कर दिया, गर्मी इतनी अधिक है इस कारण छत गर्म थी जैसे ही उसको छत पर किया वह तड़फने लगी और फिर हमेशा के लिये शांत हो गया।

 प्रिया को बहुत दुख हुआ कि बिचारी इस तरह से मर गयी बार बार आंखों के सामने वह दृश्य आ रहा था। कई लोगों से जिक्र भी किया इस बात का सब ने यही बोला बुरा तो लगता है पर अब इन सब कीड़े मकोड़ों को पाल तो सकते नहीं वरना हमारा ही जीना मुश्किल हो जाएगा।

खूब सारी चींटियां आई और उस छिपकली के मृत बच्चे को उठा ले गई l 

गर्मी से परेशान मकोड़े भी इधर उधर भाग रहे है, जाड़ों में कम दिखते हैं।

 रात को प्रिया बाथरूम में गई वहाँ एक कॉकरोच था भगाने की कोशिश करी लेकिन वह घर में आने लगा तो मरवाना पड़ा उसको।

कुछ घंटों बाद जो नजारा देखा उसने प्रिया को व्यथित कर दिया,

एक दूसरा कॉकरोच उस मृत को सूंघ रहा था। उसे लगा यह इस का कोई रिश्तेदार होगा इस की मदद करने की कोशिश कर रहा है। वो जानती है यह मर चुका है कुछ भी करने से जीवित नहीं हो सकता पर यह बिचारा नहीं जानता।

हजारों भावनाएं मन में आने लगीं जब मनुष्यों का कोई अपना बीमार होता है तब वह उनको ठीक करने की बचाने की कितनी कोशिश करता है। डॉक्टर के हाथ पैर जोड़ता है तब डॉक्टर ही भगवान लगता है।

पता नहीं वह लोग कैसे होते हैं जो पेट में पल रही बच्ची को मार देते हैं , उनका कलेजा नहीं कांपता तब।

दिन भर लाल, काला ,पीला, नीला हिट प्रचार में देखते है और यही सोचते है इन मकोड़ों को मारना ही है वरना हम कैसे रहेंगे। यही जीवन चक्र है।

आज क्यों यह दोनों घटनाएं उसे इतना इतना परेशान कर रही हैं? सवाल उठ रहें है कि वह यह सब सोच रही क्या वह पागल हूँ?

थोड़ी देर बाद देखा उस मृत कॉकरोच भी कई सारी चींटियां घसीट कर ले जा रही है चींटियां बहुत छोटी है उस कॉकरोच के सामने ये सब देख प्रिय को अचानक लगा इस गुलिवर को लिलिपुट ले जा रहे है और वह लिलिपुट की जादुई दुनिया में खो गई

शायद यही इंसान के स्वभाव होता जो देखता उस पर ही विचार करने लगता।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational