लेडी ड्रैकुला - पार्ट 1
लेडी ड्रैकुला - पार्ट 1
यह कहानी काल्पनिक है इसका वास्तवीक दुनिया से कोई लेना देना नहीं है,इसमें बताए गए पात्र,जगह,नाम सब काल्पनिक है।
सुनसान सड़क , जोरो की बारिश , बीच बीच में बिजलियों की कड़कड़ाती आवाजें किसी का भी दिल दहलाने के लिए काफी थी। उस सुनसान रस्ते पर हाथ में छतरी लेकर एक 21 साल का लड़का डेविड पैदल कही जा रहा था। डेविड एक कांच बनाने वाले फैक्टरी में कम करता था, डेविड ईमानदार और काफी मेहनती थे। वैसे तो वो हर रोज अंधेरा पड़ने से पहले ही घर जाता लेकिन आज किसी कम से उसे देर हो गई ,अंधेरा छा गया थोड़ी देर में बारिश भी शुरू हो गई , बारिश के साथ साथ बिजलियां चमकने लगी। डेविड का कम 11 बजे खत्म हो गया आज उसके पास गाड़ी नहीं थी और उसके साथ के सब लोग चले गए थे । उसने काफी इंतजार किया लेकिन बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी।
डेविड अब बारिश में भीगते हुए ही घर के ओर जाने लगा ,तकरीबन 12:30 बज रहे थे उस वक्त, डेविड चलता जा रहा था और रास्ता इतना सुनसान था कि उसके पैरों की आवाज के सिवा किसी और चीज की आवाज नहीं आ रही थी । डेविड का घर अभी भी काफी दूर था अगर ऐसे चलते जाए तो उसे 1 घंटा लग सकता था । डेविड अपनी रफ्तार से चलता जा रहा था । तभी एक घंटी की आवाज आती जब वो आवाज की तरफ नजर डालता है तो उसे एक चर्च नजर आता है लेकिन अब वो चर्च बंद हो गया तो डेविड अपने रस्ते चल पड़ा। चर्च के पास में ही एक कब्रिस्तान भी था जिसके बारे में कहा जाता की वह के पेड़ो पर रात के वक्त पिशाच आकर बैठते है ।लेकिन डेविड इन सब बातों में नहीं मानता था ।
डेविड बस चलता जा रहा था। और उसे चलते हुए एक लेडी ड्रैकुला घूर रही थी जब उसने डेविड को देखा तो डेविड में उसे कुछ अलग नजर आ रहा था । हैंडसम,ऊंचा कद , हल्की मूंछें ,और बेख़ौफ़ जिगर । उस लेडी ड्रैकुला ने एक लड़की की शकल ली और और दीवार से चिपक कर बैठ गई और रोने लगी उसकी आवाज सुनकर डेविड उसके पास गया।
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए ,,,लेडी ड्रैकुला- पार्ट 2

