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Vimla Jain

Tragedy Action Inspirational

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Vimla Jain

Tragedy Action Inspirational

लड़की प्यारी सी आवाज की मारी

लड़की प्यारी सी आवाज की मारी

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कभी-कभी जब बच्चे छोटे होते हैं और बच्चों का तुतलाना या तोतली भाषा में बात करना वो है ,जब बच्चे की आवाज साफ़ नहीं आती है। इसमें बच्चे के बोले हुए शब्द साफ साफ सुनाई नहीं देते हैं। उदाहरण के लिए कुछ बच्चे श हो सा बोलते हैं - या क्ष को सा बोलते हैं। इसे तुतलाना कहा जाता है। 

छोटे बच्चों की बोली तुतलाती हुई बहुत ही मीठी और प्यारी लगती है ।

मगर बच्चे अगर 5 साल के बाद भी तुतलाने लगते हैं ।

तब मां-बाप को बहुत ही परेशानी होती है।

और बच्चों को बहुत लोगों के क्लास के बच्चों के चिढ़ाने का सामना करना पड़ता है।

इसीलिए बच्चों की प्यारी प्यारी प्यारी बातें तो सुने।

मगर समय से उनका बोली का टोन सही करने के लिए जो भी उपाय करने पड़े, वह करें।

तो बच्चों को लोगों के मजाक का विषय नहीं बनना पड़ेगा । इस पर मैं एक कहानी बता रही हूं जो एकदम सच्ची है।

वह प्यारी सी लड़की बहुत ही चंचल बहुत ही सुंदर थी। मगर बोलने में तुतला कर बोलती थी।

 सब लोग उसको जान जान करके कुछ कुछ बोलने को बोलते।

और उसको अच्छा लगता तो वह काफी बोलती, और बहुत तुतला कर बोलती ।

और सब हंसते दो ढाई साल की हुई तब तक तो ठीक था।

मगर उसके बाद में उसके मां-बाप को लोगों का इस को चिढ़ाना पसंद नहीं आया।

और उन्होंने उसी समय से ठान लिया की इसकी बोली ठीक करनी है।

और उसके बाद ही उसको स्कूल भेजना है। ताकि यह मजाक की विषय ना बने ।

शिकार ना बने ।

समय पर उसका 2 साल इलाज चला।

सब तरह की स्पीच थेरेपी ,दवा ,आत्मविश्वास सब करके वह पांचवें साल में बहुत अच्छी तरह से बोलने लगी।

तब उसको स्कूल में दाखिला दिया गया ।

वह पढ़ने में और स्वभाव में दोनों में बहुत ही अच्छी थी। और आत्मविश्वास से भरी हुई थी। वह स्कूल की हैड प्रीफेक्ट रही ।

और मेरिट में भी उसका नाम रहा हमेशा वह पढ़ाई में भी अव्वल रहती थी।

और उसने बहुत अच्छी डॉक्टर बनकर काफी नाम कमाया है।

तो आपने देखा की मां बाप पूरे जागरूक हो तो बच्चे की कमी को उसका मजाक का विषय नहीं बनने देते। और समय रहते दूर करते हैं ।

आज का समय तो कितना अच्छा है।

बहुत तरह के इलाज उपलब्ध है।

जरूरत है अपने जागरूक रहने की मगर बहुत सारे मां-बाप समय पर जागरूक नहीं रहते।

मेरे सामने से बहुत उदाहरण है जो बच्चे बड़े होने पर भी तुतलाते हैं ।

कारण समय पर उनके मां बाप जागरूक नहीं हुए बच्चे की बोली को लेकर के इसीलिए समय पर इलाज बहुत जरूरी है।



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