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Madhu Vashishta

Classics Inspirational

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Madhu Vashishta

Classics Inspirational

लड़की मे कमी क्या है?

लड़की मे कमी क्या है?

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चाची अपनी ही लौ में बोली ही चलीं जा रही थी, अपने कुणाल के लिए मीता से अच्छी लड़की तो कोई हो ही नहीं सकती। दसवीं के बाद हमारे भाई ने कभी उसे घर के बाहर निकलने ही नहीं दिया। दसवीं से आगे की सारी पढ़ाई उसने घर बैठ कर ही की है। मूंह में जुबान तो जैसे है ही नहीं, चाची लड़की की तारीफ में बोले ही जा रही थीं, मैंने तो कभी लड़की को उल्टा तो क्या जोर से सीधा भी बोलते नहीं सुना। चाची लगातार बोले ही जा रही थी। हमारे भाई बहुत सख्त है। उनके दो बेटे और ये बेटी मीता है। भैय्या का बिजनेस भी बहुत अच्छा है,लेने देने में भी कोई कमी न रखेंगे। उनके सामने मजाल है कोई बोल जाए। सारे घर का काम तो मीता अकेली ही कर लेगी। फैशन तो कभी उसने किया ही नहीं। भाभी को तो बेटे होने के बाद में घर का काम करने का समय कम ही मिला,क्यों कि भाभी के इतने समय बाद तो बेटे हुए,और वो भी कमजोर। मैं भी कभी जाती हूं तो मीता मुझे भी कोई काम करने ही नहीं देती। मानसी को इससे आगे कुछ भी सुनना अच्छा नहीं लग रहा था।

घर का काम, दोनों भाइयों का काम, कपड़े धोने का काम सब इतनी खूबी से करती है कि बस पूछो मत। मजाल है कपड़े में कोई दाग हो या बर्तन में जूठन। तुम्हारे घर तो कोई नहीं है, चाची ने बोला,कुणाल और उसके पिता तो काम के सिलसिले में अक्सर बाहर ही रहते हैं अकेली रहीं तुम,रानी के जैसे राज करना। आजकल की लड़कियों को तो बिना मोबाइल के नींद ही नहीं आती पर हमारे भैय्या का डर इतना है कि लड़की मोबाइल छू भी नहीं सकती।बस इसके आगे का गुणगान सुनने की हिम्मत मानसी में भी नहीं थी। उसने कहा चाची कुणाल के लिए बहू चाहिए, न कि घर के लिए नौकरानी । मानसी की आवाज में तेजी आ गई थी,वो लगभग चिल्लाती हुई बोली, शादी होते ही अगर सास किसी भी काम के लिए बोले या टोके या समझाए भी तो लोग उसे अत्याचारी, नासमझ और जाने क्या क्या कहेंगे। कानून की भी जाने कितनी और कौन सी धाराएं उसके लिए तैयार खड़ी हैं। पर समाज अंधा और मौन क्यों हो जाता है जब किसी लड़की का बचपन उससे छीना जाता है। जब उसके सपने और उसका आत्मविश्वास उसके अपने ही घर में तोड़ दिए जाते हैं। उसे स्वावलंबी न बनाकर एक मिट्टी के माधो में ही परिवर्तित कर दिया जाता है।और साजो सामान के साथ भेज दिया जाता है दूसरे घर में मरते दम तक बिना शिकायत करें जीने के लिए। अगर एक कानून भूण हत्या के लिए बना है तो एक कानून उन माता-पिता के लिए भी बनना चाहिए जो लड़कियों और लड़कों में भेदभाव करते हैं।  लड़की अगर घर को अपना घर समझेेेगी तो जैसे भी करेेेगी, बहुत अच्छा ही करेगी।

चाची को कुछ समझ नहीं आया उन्होंने पूछा बहू ये तो बता लड़की में कमी क्या है ? मानसी ने कहा कोई नहीं। कमी तो लड़की के माता-पिता में है। चाची जाने कुछ समझी या नहीं पर उठ के जरूर चली गईं।

उन्हें समझ आया या नहीं, पता नहीं, पर प्रिय पाठकों आपके मन में कुछ भी आया हो तो कमैंटस में ज़रूर लिखना। फालो भी करना और शेअर भी।


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