"क्योंकि लड़के रोते नहीं"
"क्योंकि लड़के रोते नहीं"
“जल्दी करो मानसी रिसेप्शन में जाना है।”
”हां अभी आई...”
और 5 मिनट में मानसी सामने खड़ी थी।
”अरे तुम पहले जैसे तैयार क्यों नहीं हुई और यह विग क्यों लगाई हुई है? उतारो इसे तुम मेरी बहादुर पत्नी हो कीमो थेरेपी ले रही हो और कैंसर जैसे दुश्मन से जंग लड़ रही हो। कोई क्या कहता है इसकी मुझे परवाह नहीं। आज भी तुम उतनी ही खूबसूरत हो मेरे लिए। तुम्हें मेरे साथ जीवनभर चलना है। तुम पर और तुम्हारी सांसों पर सिर्फ मेरा अधिकार है।” कहते कहते जय जोर जोर से हांफने लगा, असल में उसे रोना आ रहा था।
मानसी बोली, “क्यों रोक रहे हो तुम अपनी रूलाई?”
जय बोला, “क्योंकि लड़के रोते नहीं!!!”
और दोनों हंसते हंसते फफक फफककर गले मिलकर रो पड़े।
