कुछ पल:
कुछ पल:
कुछ पल जो मिटाए नहीं जाते, भुलाये नहीं जाते, गंवाए नहीं जाते
उन पलों को याद करते हुए, ज़िन्दगी को याद करते हुए ,
हम भी हँसते है रोते है, उन यादो के सायों मे समय खोते हैं
पर फिर भी न जाने क्यों लगता है, कि वे पल अब लौट नहीं सकते ,
पल-पल उन पलों की याद में सोचते हुए, ज़िंदगी के अँधेरों मे घिर जाते हैं ,
मौत को भी,,अब कुछ अधिक ही करीब पाते हैं
इससे आगे कहने को क्या बचता है, इस तन्हा सफ़र मे यूँ हीं चले जाते हैं.........