Kaushal Upreti

Abstract

3.4  

Kaushal Upreti

Abstract

जब हम बच्चे थे

जब हम बच्चे थे

1 min
21.6K


४)

जब हम बच्चे थे>>

जब तक हम सब बच्चे थे

अक्ल में थोड़े कच्चे थे

पर दिल के सबसे सच्चे थे

जो बोल दिया सो बोल दिया

जो छीन लिया अपनाते थे

जाने अनजाने में कैसे

रंगी सपने बुन जाते थे

बचपन के दिन भी

क्या दिन थे_ अब याद हमेशा आते हैं

वो खेल निराले प्यारे थे

मस्ती के दिन थे प्यारे थे

कागज की नाव चलाते थे

पानी में धूम मचाते थे

गुड्डे गुडिया का खेल...

 कभी राजा-रानी बन जाते थे

बचपन के दिन भी

क्या दिन थे_ अब याद हमेशा आते हैं

 

 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract