करवाचौथ

करवाचौथ

2 mins
1.8K


सोमांश और स्वप्निल दोनों कॉर्पोरेट में अच्छा मुकाम प्राप्त कर चुके थे। दोनों भौतिकवादी थे और दोनों ने ही प्रेम विवाह किया था।

बाज़ार में करवाचौथ के पर्व की रौनक थी लेकिन सोमांश के लिए ये दिन भी बाकी कामकाजी दिनों की तरह ही था। वो घर वापस लौटा तो देखा स्वप्निल घर पर ही थी। घर के भीतर का माहौल कुछ भिन्न लगा। स्वप्निल साड़ी में सजी-धजी सामने आई तो कुछ अजीब लगा।

"पार्टी में चलना है?" सोमांश ने प्रश्नवाचक भाव के साथ पूछा।

"नहीं" स्वप्निल का संक्षिप्त उत्तर।

"देन व्हाट'स धी रीज़न ऑफ़ योर रेट्रो लुक?" सोमांश नआँखे बड़ी करके पूछा।

स्वप्निल ने थोड़ा हिचकते हुए उत्तर दिया "आज करवाचौथ है।"

फिर थोड़ा रुककर कहा "मैंने भी व्रत रखा है।"

सोमांश ने आश्चर्य से लगभग चीखते हुए कहा "तुम और करवाचौथ।"

फिर सोमांश ने स्वप्निल के माथे पर हाथ लगाते हुए व्यंग्य भरे अंदाज़ में कहा "तबियत तो ठीक है ना?"

स्वप्निल थोड़ा खीजते हुए बोली "क्या यार... हम प्यार के बड़े-बड़े दावें हांकते हैं। तो क्या एक दिन भूखी नहीं रह सकती तुम्हारे लिए।"

सोमांश के भाव अब सहानुभूति में बदल चुके थे "क्या पूरे दिन से भूखी हो, क्या मिलेगा इस सब से?"

स्वप्निल ने विनम्रता से कहा "एक दिन मेरा... तुम्हारे लिए सोमांश। आज एक दिन भूखा रहकर और ज्यादा मजबूत लग रहा है मुझे मेरा प्यार तुम्हारे लिए। अब रिश्ते निभाते हुए प्रोडक्टिविटी, बेनिफिट-लॉस ये सब थोड़े ही सोचा जाएगा।"

स्वप्निल ने थोड़ा रुककर दोनों बाहें आगे बढ़ाते हुए कहा "हैप्पी करवाचौथ!"

सोमांश भावविभोर होकर खुद को उन बाहों को समर्पित करते हुए बोला "हैप्पी करवाचौथ टु यु!"

सोमांश को आज कुछ ज्यादा ही जीवंत और ऊर्जावान लगा उसका और स्वप्निल का प्रेम।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama