कृतज्ञता
कृतज्ञता
पापा आपसे एक बात पूछनी थी। रवि की गोद में बैठे मासूम मोहक ने जब यह कहा,तब रवि ने भी सहज भाव से अपनी गर्दन हिला उसे अपनी स्वीकृति दे दी।
इसपर वह बोला पापा आपने तो हमारा नया घर अपनी मेहनत की कमाई से ही बनाया है ना। बच्चे के यकायक पूछे इस प्रश्न ने आज रवि को भी आश्चर्य में डाल दिया।
वह एकपल उसकी ओर देखते हुए, उससे बोला हां बेटा पर तुम ये सब आखिर क्यों पूछते हो। तब मोहक उससे बोला,पापा फिर आपने अपने घर पर दादू का नाम क्यो लिखवाया।
और ओपनिंग वाले दिन भी सभी से कह रहे थे।कि सब मातापिता की ही कृपा व आशिर्वाद है।
जबकि दादी व दादू को तो खुद आप ही हर महीने खर्च के रुपये गांव भेजते है ना।
उसके बाल मन में उठी जिज्ञासा को देख एक पल तो रवि भी मुस्कुरा दिया।पर फिर अगले ही पल गंभीर हो बोला, पर बेटा मुझे इस संसार मे लाने व पालकर इस काबिल बनाने की कृपा तो उन्हीं की है ना।