कर्फ्यू का ग्यारहवां दिन
कर्फ्यू का ग्यारहवां दिन


इतनी कड़ी धूप में कौन आया बेटा ।जरा देखना घंटी बजी है ।मॉम देख रहा हूँ बेटे ने बाहर बालकनी से झांककर देखा तो कहा मॉम कुछ डॉक्टर लोग लग रहे हैं चल मैं देखती हूँ देखा तो सड़क पर 4 लोग थे उन्होंने पूछा कि आपके यहां सब सुरक्षित है किसी को कोई समस्या तो नहीं कोरोना वायरस से संबंधित क्योंकि हम घर पर जाकर सर्वे कर रहे हैं मैंने कहा नहीं कहा हमारे यहां सब ठीक है किसी प्रकार की किसी को कोई समस्या नहीं है उन्होंने फिर कुछ एक फाइल में लिखा बहुत देर तक तो दो बेचारे धूप में खड़े रहे उनमें से तीन लेडीस और जेंट्स था उन लोगों ने अपने आप को भी सुरक्षित रखने के लिए हाथों में दस्ताने और मुंह पर मास्क पहने हुए था डॉक्टरों के साथ मुझे कुछ आशाएं भी लग रही थी जो उनका साथ दे रही थी इन विचारों की क्या जिंदगी हो गई है इस कोरोना वायरस ने इन लोगों की जिंदगी को कितनी कठिनाई में डाल दिया है अपने कर्तव्य को निभाने के लिए अपनी जिंदगी से खेल रहे हैं यह इनकी सबसे बड़ी चुनौती है?