कोशिश
कोशिश
चंदा घरों में काम करने वाली महिला लोगों के घरों में काम करते समय ऑनलाइन पढ़ाई करते उनके बच्चों को देख थोड़ा उदास रहने लगी। उसकी उदासी को एक महिला ने समझ लिया और उससे पुछ लिया," चंदा, पहले तो काम करते करते मुझसे बहुत सी बातें करती थी । आज कल तुम चुप रहने लगी हो ।क्या कुछ परेशानी है तो मुझें तुम बता सकती हो?
उसकी बात सुन चंदा बोली, "भाभीजी, आप लोगों के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई मेरी वजह से खराब न हो इसलिए मैं चुप रहती हूं। "
अब महिला बोली, " नहीं, कुछ औऱ भी मैं महसूस कर रही हूं। बोल दे। शायद मैं तेरी मदद कर सकूं।"
चंदा उनके बच्चे को कंप्यूटर पर पढ़ता देख बोली, "भाभीजी, आप लोगों के बच्चों को पढ़ता देख मैंने भी अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूल में भर्ती करवाया दिया। मैं ठहरी अनपढ़ तो मेरे बच्चों की भी इस कोरोना की वजह से कोई पढ़ाई नहीं हो रही। और भाभीजी, पहली, दूसरी में पढ़ने वाले मेरे बच्चे आज इतने महीनें से घर ही बैठे हैं। मैंने पड़ोस में एक बाहरवीं कक
्षा की लड़की से3 बात कर उनकी ट्यूशन भी लगा दी । लेकिन मेरे बच्चे उसके बस के नहीं हैं।मैं अब क्या करूँ?"
चन्दा की बात सुन महिला मुस्कुरा दी फ़िर बोली " बस चंदा, इतनी सी बात थी । अब सुन , पहले तो पहली दूसरी कक्षा के बच्चों पर पढ़ाई का लोड नहीं डालते। अब रात को जब बच्चों को सुलाती है तब उन्हें समझना कि बेटा, मैं पढ़ी लिखी नहीं हूं औऱ मैं भी पढ़ना चाहती हूं। लेकिन आज मैं भी तुम्हारे साथ स्कूल चली जाउंगी तो अपना घर कैसे चलेगा। तुम तो मेरे प्यारे बच्चे हो। क्या तुम मुझें पढ़ाओगे जो दीदी के यहाँ से सीख कर आते हो ? तुम यह कहना और इसका असर देखना।"
"जरूर", कहते हुए चन्दा घर का काम निपटाने लगी।
चंदा रोज़ काम पर आती लेकिन अब उसकी गुम हुई मुस्कान लौट आई। उसे उस महिला ने फ़िर महसूस कर लिया औऱ पूछा कि जो उपाय बताया था वो सिद्ध हुआ या नहीं।
चंदा मुस्कुरा दी औऱ बोली, "भाभीजी, मैं भी शायद अपने बच्चों से ऐसे पढ़ते पढ़ते पढ़ना लिखना सीख ही जाउंगी।"