Akanksha Gupta

Horror

3.4  

Akanksha Gupta

Horror

खूनी कैमरा

खूनी कैमरा

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“यार मुझे एक वेब कैमरा चाहिए। कोई सेकेंड हैंड कैमरा दिखा दे। जॉब इंटरव्यू है और कैमरा खराब हो गया।” फैजल की दुकान में घुसते हुए कुमार ने कहा।

“अरे यार, जैसे ही तेरा फोन आया, मैंने एक बढ़िया कैमरा निकाला है तेरे लिए। एक दम बढ़िया कंडीशन में है। बढ़िया विजुअल है। ऐसा कि तुझे देखते ही नौकरी पक्की कर देंगे।” फैजल ने कैमरा निकाल कर मेज पर रखा।

“वैसे कितना इस्तेमाल हुआ होगा अब तक?” कुमार ने कैमरे का मुआयना करते हुए कहा।

“एक महीने से ज्यादा नहीं हुआ होगा। इसका मालिक विदेश जाने से पहले इसे मुझे दे गया था। अगर तुझे ठीक लगे तो देख ले वरना कोई दूसरा कैमरा दिखा दूंगा।” फैजल ने दूसरा कैमरा निकालते हुए कहा।

“नही यही ठीक लग रहा है। काम चल जायेगा। चल बता फ्री में देगा क्या?” कुमार ने शरारत की।

“अरे यार तेरे लिए कैमरा तो क्या यह जान भी हाजिर है।” फैजल ने हंसते हुए साथ दिया।

“चल अच्छा यह तो मजाक था लेकिन अगर कोई दिक्कत हुई तो मैं वापस कर दूंगा। वैसे भी इंटरव्यू तो एक हफ्ते बाद है। तब तक इसकी खामिया और खूबियां भी पता लग जायेंगी।” कुमार ने कैमरा अपने बैग में डालते हुए कहा।

“हाँ यह ठीक है। पेमेंट भी तभी कर दियो।” फैजल ने मुँह में सॉफ डालते हुए कहा।

कुमार कैमरा लेकर अपने घर आ गया। नहाने धोने के बाद उसने चाय बनाई और सोफे पर लैपटॉप लेकर बैठ गया। उसने लैपटॉप में कैमरा फिट किया और अपनी मंगेतर सुप्रिया से वीडियो कॉल करने लगा। कुछ देर बाद वीडियो कॉल कनेक्ट हुई। सामने सुप्रिया बैठी थी।

“हाय मिस्टर कुमार कहिये आज हमारी याद कैसे आ गई? लगता है अपने बॉस को इस जॉब इंटरव्यू के बारे मे बता दिया आपने।” सुप्रिया हंसते हुए कह रही थी।

“प्लीज़ सुप्रिया, अब तुम तो बोर मत करो यार। एक तो हमारे बॉस सारा दिन किच-किच करते रहते है और ऊपर से काम के बीच ये वेब कैमरा खराब हो गया। फिर बॉस ने मेरी जो क्लास लगाई है, अरे बाप रे.....। उसके बाद तो ऑफिस से सीधे फैजल की दुकान पर गया और अब थोड़ी देर पहले ही ये वेब कैमरा ले कर घर में घुसा हूँ। सोचा पहले तुम्हें ही सरप्राइज कर दूं।” कुमार ने चाय का घूंट भरते हुए कहा।

“चलो अच्छा है। मुझे भी तुम्हें एक सरप्राइज देना था। मैं कल दोपहर तक वापस मुंबई आ रही हूँ।” सुप्रिया ने भी कॉफी का घूंट भरते हुए कहा।

“अच्छा लेकिन तुम तो एक हफ्ते बाद आने वाली थी। क्या हुआ, सब ठीक तो....” इससे पहले कि कुमार सुप्रिया से कुछ और पूछ पाता, वीडियो डिसकनेक्ट हो गया।

कुमार ने वीडियो रिकनेक्ट करने की कोशिश की लेकिन वीडियो फिर से डिसकनेक्ट हो गया। जब कुमार वीडियो कनेक्ट करने की कोशिश करते करते थक गया तो उसने वेब कैमरा बंद करके लैपटॉप मेज पर रखा और सोफे पर पीठ टिका दी। उसने अपने पैर लंबे फैलाये और पीछे की तरफ सिर करके आंखे बंद कर ली।

अभी कुछ ही देर हुई होगी कि वेब कैमरा फिर से अपने आप ऑन हो गया। कुमार ने सिर उठा कर देखा तो उसपर कोई लाइव वीडियो चल रहा था। वीडियो में एक लड़की रो रही थी। उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नही था। उसके बाल बिखरे हुए थे। आंखे लाल थी और चेहरे से खून टपक रहा था।

कुमार से यह सब देखा नही गया। वह लैपटॉप की स्क्रीन बंद करने जा ही रहा था कि तभी वीडियो में से लड़की की आवाज सुनाई दी- “डू यू वांट मी?”

कुमार के हाथ रुक गए। वह लैपटॉप की तरफ देख ही नहीं रहा था। किसी भी लड़की को इस अवस्था में देखना किसी पाप से कम नही था उसके लिए। उसने कोई जवाब नहीं दिया। कुछ सेकेंड बाद उसे एक चीख सुनाई दी। उसने हिम्मत करके लैपटॉप को तरफ देखा तो उसकी जान निकल गई। लड़की के शरीर पर छोटी छोटी खरोचें उभर रही थी। आंखे काली हो गई थी। वह अपने हाथों को चाकू से गोद रही थी। फिर एक दम अचानक से उसने उसी चाकू से अपनी गर्दन काट ली। उसके बाद वीडियो खुद ही बंद हो गया था।

कुमार ने झटके से अपना लेपटॉप बंद किया। उसे गहरा सदमा लगा था। उसे समझ नही आ रहा था कि उसने जो कुछ देखा वो सच था या सपना लेकिन जो भी था कुमार बहुत डर चुका था। उस लड़की के बारे में सोचते सोचते कुमार को नींद आ गई।

थोड़ी देर बाद जब उसकी नींद खुली तो उसका फोन बज रहा था। पहले उसने टाइम देखा तो रात के आठ बज रहे थे। फिर उसने फोन देखा तो उसके बॉस श्रीधर चंद्रमोहन का फोन था



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