खुश्बू का एहसास
खुश्बू का एहसास
एक शहर में राजेश नाम का लड़का रहता था वह सवभाव से बहुत सुशील, संस्कारी और गूणी था वह एक सॉफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर था। वह जिस रस्ते से अपने काम पर जाया करता था वहां पर एक लड़की फूल बेचा करती थी। वह लड़की सुबह से लेकर शाम तक फूल बेचा करती थी, एक दिन जब राजेश अपने घर को आ रहा था तब उसने अपनी गाड़ी उस लड़की के पास रोकी और पूछा की " तुम्हारा नाम क्या है?" तो उस लड़की ने जवाब दिया "साहब मेरा नाम चंपा है।" तब उसने पूछा की तुम सुबह से लेकर शाम तक फूल बेचती हो तो तुम्हें बदले में क्या मिलता है? तो इस सवाल पर उस लड़की ने बहुत ही सुन्दर जवाब दिया उसने कहा " मुझे भी वही मिलता है जो मुझसे फूल खरीदने से उन लोगो को मिलता है।" राजेश ने कहा मुझे तुम्हारी कही बात समझ में नहीं आई ज़रा स्पष्ट रूप से कहो तुम क्या कहना चाहती हो उसने कहा " साहब जी जो मैने आपसे बात कही है वो बात समझने वाली नहीं है बल्कि यह बात महसूस करने वाली है उस लड़की ने राजेश से कहा " साहब क्या आपने किसी से उम्मीद किये बिना उसका अच्छा किया है ?" तो उसने कहा "नहीं।" इस पर उस लड़की ने कहा " जिस दिन आप ऐसा करोगे तो आपको मेरी यह बात समझ में आ जाएगी और तब आप उसको महसूस भी कर सकोगे। यह सब सुनने के बाद राजेश वहां से चला जाता है कुछ दिनों के बाद उसके घर के सामने एक बच्चा साइकिल चला रहा था, साइकिल चलाते-चलाते उसकी चेन निकल गई जिस से वह बच्चा रोने लगा।
इतने में ही राजेश अपने घर से बहार निकला और उस रोते हुए बच्चे को देखा तभी उस की नज़र उस बच्चे की साइकिल पर पड़ती है जिसकी चेन निकल गई थी उसने उस बच्चे की साइकिल ठीक कर दिया। फिर उसके वह उस बच्चे के पास गया और उससे पूछा की "बच्चे तुम क्यों रो रहे हो ?" इस पर बच्चे ने कहा की मेरी साइकिल की चेन निकल गए है अब मेरी साइकिल चल नहीं पाएगी। तब राजेश ने कहा " ज़रा एक बार अपनी साइकिल को देख तो लो जैसे ही उस बच्चे ने अपनी साइकिल को देखा उसकी खुशी का कोई ठिकाना न रहा। उस बच्चे को इतना खुश देख कर वह भी मन ही मन बहुत खुश हो रहा था, तभी अचानक उसकी मन उस लड़की की बात याद आती उसने कहा था की "कभी किसी से उम्मीद किये बिना उसका अच्छा कर के देखो" और आज मुझे उसकी यह बात समझ में आ रही है। एक फूल बेचने वाली लड़की जो सुबह से लेकर शाम तक फूल बेचती है उसकी हाथों में जाने-अनजाने उन फूलों की खुशबू रच जाती है अर्थात आप जो चीज किसी इंसान को उम्मीद के बिना दोगे वो आपके मन पर बुद्धि पर कही न कही किसी न किसी ढंग से आपको उस चीज का अहसास करवाता रहेगा। इसीलिए जो आप किसी और के लिए करते है वह कहीं न कहीं आपको उस बात का अहसास करते रहेंगे। इसीलिए- "किसी से उम्मीद किये बिना उसका अच्छा करो, क्योंकि किसी ने कहा है: जो लोग फूल बेचा करते है उनके हाथों में खुशबू अक्सर रह जाती है ।