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Madhavi Solanki

Action Inspirational

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Madhavi Solanki

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खोल दे पंख को ओह परिंदे ...

खोल दे पंख को ओह परिंदे ...

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खोल दे पंख को ओह परिंदे, नई उड़ान की ओर नज़रें टिका के रख ...

बेशक रास्ता बहुत मुश्किल है पर एक बार कोशिश तो कर मंज़िल भी लाजवाब है ना ..! 

हाँ पता है मुझे तुम थोड़ा डर रहे हो कि अकेले ही उड़ना तुम्हें लेकिन तुम सब जानते तो हो शेर भी अकेले ही जंगल में जीता है तभी तो वो राजा कहलाता है, गिद्ध भी तो ऊँचे आसमान में उड़ता है बिना डरे, बिना किसी साथ के,  में है भी जानती हूं कि तुम albtoss की तरह हो लंबी से लंबी दूरी तय करके, हज़ारों किलोमीटर दूर समुंदर को पार करके albtoss जैसे अपने albtoss से मिलता है वैसे तुम भी सारी मुश्किलों से लड़ के,  उस सफर का मज़ा लेते अपनी मंज़िल से जरूर मिल कर रहोगे,  और मैं भी तो हूं ना,  भले ही दूर हूं पर मेरे शब्द तो तुम तक मेरा साथ पहुंचा ही रहे है ना

 खोल दे पंख को परिंदे, आज़ाद हो जाओ हर डर से क्योंकि तुम्हारे पास हारने का कोई विकल्प नहीं है, ओर मेरे पास तुमसे मिलने का सिर्फ एक विकल्प है ओर वो मेरे शब्द

कहते है डूबती नहीं है कश्तियाँ कभी छोटे तूफानों से, बहुत हिम्मत लगती है तूफानों को एक सच्चे नाविक के हौसले ले तोड़ने के लिए,  नाविक जो सोच ले कि इस कस्ती को किनारे तक ले जाना है तो बेशक वो हर तूफान से टकरा के किनारे तक पहुंच ही जाता है

तो फिर क्यों डरते हो परिंदे,  कर हौसला बुलंद,  सोच मंज़िल के बारे में भूल जा इन राहो को सिर्फ चल दे, अपनी काबिलीयत पर कर भरोसा,  दूसरों की सुनना छोड़ दे,  कर हिम्मत थोड़ी ज्यादा,  राम की तरह भले ही थोड़े वक्त का वनवास मिले, स्वीकार कर कुछ तो तेय करके रखा है ईश्वर ने जैसे राम के वनवास जाना भले ही दुखदायी अध्याय रहा हो पर बहुत ही लोगों की जिंदगी को नया आयाम मिला था उनसे मुलाकात करके, शायद तुम्हारे साथ भी ऐसा हो कि तुम किसी की नई जिंदगी का पैग़ाम बनो

खोल दे पंख को ओह परिंदे, थोड़ा अपने विचारों के साथ सही पथ पर उड़ चलो, कभी समझ में आये राह तो हवा के बहाव के साथ उड़ चलो क्योंकि कई बार हमारी सोच से भी बेहतर रास्ता ईश्वर हमारे लिए बनाते है कर उन पर खुद से भी ज्यादा भरोसा

 

खोल दे पंख को ओह परिंदे,  नई उड़ान भर दे क्योंकि तड़प रहा है ये आसमान तुम्हारे लिए, इंतज़ार कर रहे है बहुत सारे पंछी तुम्हारा कभी तो उनसे मुलाकात कर,  कभी लगें थक गया हूं तो थोड़ा आराम कर लेना इन वृक्षों की डालियों यो पर, थोड़ी बाते कर लेना उन फूलों के साथ,  कभी वक्त मिले तो कैसे हो वो बता देना मुझे, क्योंकि मुझे फिक्र है तुम्हारी,  पता है मुझे तुम उलझे हुए हो इस जिंदगी को सुलझाने में, लेकिन एक पल निकाल के इन गानों के जरिये अपना हाल बता देना …

खोल दे ना उन पंख को परिंदे, ऊँचे आसमान की उड़ान भरना,  हरा देना इस डर को जो तुम्हारा रास्ता काट रहा है क्योंकि बेसब्री से इंतज़ार है मुझे तुम्हारी उड़ान का, तुमसे मुलाकात करने का जो और ये तभी मुमकिन होगा जब तुम अपने सपने पूरे कर लोगे और मेरे लिए तुम्हें वक्त मिलेगा



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