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Madhavi Solanki

Action Inspirational

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Madhavi Solanki

Action Inspirational

हकीकत ...

हकीकत ...

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एक ख़त UPSC aspirants के नाम ...

प्रिय albtross, 

आज का दिन बहुत ही अच्छा है, आज मैं वहां जानें वाला हूं, जहां जाने की में बरसों से राह देख रहा था। जिस व्यक्ति से मिलने के लिए में कब से इंतज़ार कर रहा था, finally आज वो दिन आ गया हे। कितना इंतज़ार किया मैंने इस दिन का, कितना त्याग किया मैंने, किसी से बात नहीं की, सबसे दूरी बना कर रखी, सब त्योहारों को मनाने में लगे रहे और मैं तुमसे मिलने के लिए सब वक्त खोता रहा या फिर कहें तुम्हें सारा वक्त देने लगा, तुम्हारे सिवा मुझे कुछ दिखा ही नहीं, तुम्हारे ख्वाबों से निकला किताबों में मिलने लगा, किताबों से निकला फिर तुम्हारे ख्यालों में खोने लगा। यहीं जिंदगी बन गईं थीं, जहां देखो वहीं सिर्फ तुम्हारी तस्वीर, तुम्हें पाने के लिए सारी रातों की नींद भी उड़ गईं थीं, दोस्त भी कहने लगे थे तुम पागल हो गए हो, पागल होना भी बनता था वो ऐसा वैसा लड़का थोड़ी ना था वो तो नौसिखिया था, UPSC aspirants था जो हर वक्त अपने सपनों मैं वही मसूरी या फिर कहें हैदराबाद एकेडमी में जानें का, वहाँ जा के जिंदगी के सारे पहलु को सीखना चाहता था, उससे सिवा उसकी कोई जिंदगी ही नहीं थीं, वो सच्चा प्रेमी था civil services का, जो बदलना चाहता था भारत मां के बच्चों की जिंदगी, वो जिंदगी बनाना चाहता था भविष्य के युवाओं की, वो albtross था जो कभी हार नहीं मानता, albtross एक ऐसा Bird है जो ऊंचे आसमान में , अटलांटिक समुंदर में अकेले उड़ता है वो चाहे तूफ़ान आए या फिर परिस्थितियाँ कितनी भी विपरीत हो जाएं, वो कभी हार नहीं मानता, वो अपनी मंजिल से मिल कर रहता हे, इसीलिए हर upsc aspirant albtross हे, जो कभी मंजिल की राह में आने वाली मुश्किलों को देख के या फिर कुछ असफलता पा के, हार मान के बैठता नहीं है वो चलता रहता है …

लेकिन कही ना कहीं एक बात ये भी ऐसे नौसिखिया अपनी मंजिल पाने के लिए, अपनी वर्तमान जिंदगी को, रोजबरोज की खुशियों को जीना भूल जाता है, जब एहसास होता है तब गम के सिवा कुछ नहीं मिलता,

भविष्य का चित्र भले ही बहुत गुलाबी लगे, फिर भी कभी उस पर बहुत ज्यादा विश्वास ना करे, हमेशा ही वर्तमान के क्षण का, उन यादगार पलों का आनंद लीजिए, जिंदगी और भी खूबसूरत होगी, जब आप अपनी मंजिल से मिलेंगे तब दुगनी खुशी होगी, या फिर कभी ऐसा हो मंजिल मुलाकात ना हों तो एक हल्की मुस्कान चेहरे पर हो, ओर थोड़ी खुशी भी हो की मंजिल ना मिली तो क्या हुआ पर, उससे मिलने के लिऐ, जिस रास्ते पर मैं चला वो रास्ते तो बेमिसाल थे, वहीं तो मैंने अपनी ज़िन्दगी की सारी खुशियां पाई, इसलिए हमेशा ही हर पल को ऐसे जियो जैसे जिंदगी का आखरी पल है …

गुलजार का ये गीत बखूबी बयाँ करता है इस बात को ...

आने वाला पल जाने वाला हे, आने वाला पल जानें वाला हे, हो सके तो इसमें जिंदगी बिता लो, पल ये जानें वाला है ….



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