PANKAJ GUPTA

Drama Romance Fantasy

4.0  

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कच्ची उम्र का प्यार (भाग-5)

कच्ची उम्र का प्यार (भाग-5)

4 mins
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आरती से मिलने की बेचैनी इतनी थी की मुझे नींद भी नहीं आ रही थी। बिस्तर पर लेटते ही मैं सोचने लगा सुबह क्या पहनूंगा। क्या बात करूँगा। उसे मैं अच्छा तो लगूंगा न। ये तरह तरह के प्रश्न मेरे दिमाग में उठ रहे थे।


सुबह नहाने के बाद मैंने काले रंग की शर्ट, ब्लू जीन्स, स्पोर्ट्स शूज और स्पोर्ट्स वॉच पहनी और बालों पर सेट वेट भी लगाया ताकि बाल उलझे न...फिर परफ्यूम...मैं जहाँ रहता था वहां से कोचिंग की दूरी 15 मिनट की थी। मेरे पास उस समय बाइक नहीं थी अतः मैं पैदल ही जाता था...मैं पैदल निकल पड़ा...जैसे जैसे कोचिंग नजदीक आ रहा था, मेरी धड़कन तेज होती जा रही थी.., 7:05 पर मैं कोचिंग पहुँचा, और फिर क्लास में..सबलोग खड़े हुए मैंने बैठने को कहा...पूरा क्लास भरा हुआ था। बैठने के बाद मेरी नजर जिसे देख रही थी वो थी नहीं....मैं पढ़ाने लगा लेकिन मेरा मन नहीं लग रहा था...करीब 7:15 पर क्लास के बाहर से आवाज आई

"May I come in Sir??"


ये उसी की आवाज थी जिसका मुझे बेसब्री से इंतजार था। उसको देखकर मेरी धड़कन और भी तेज हो गई

पीले रंग की कमीज...सफेद सलवार...दुप्पटा...में आरती बहुत सुन्दर लग रही थी।

खूबसूरत आँखें,

मासूम सा चेहरा, hair band, कानों पर लटकते गोल एवम् बड़े कुंडल। उस रूप की रानी को देखते ही मैं खो गया।


फिर से आवाज आई

"May i come in sir??"


"Yes come in"


क्लास में जगह ही नहीं थी बैठने की। मैंने आगे वाली पंक्तियों में बैठी लड़कियों से एडजस्ट करने को कहा और वह आगे वाली पंक्ति पर ही बैठ गई।

फिर मैंने पढ़ना जारी रखा...आरती की मुँह में पेन लगाने वाली आदत अभी गई नहीं थी। क्लास खत्म होने के बाद मैंने आरती से ऑफिस में मिलने को कहा।

आधी कहानी तो फोन पर सुन ही चुके थे, आधी ऑफिस में सुन लिए।

मैंने उससे कहा तुम और भी खूबसूरत हो गई हो।


आरती से रोज अब फोन पर बाते होने लगी। क्योंकि कोचिंग में रोज आमने सामने बात करना संभव नहीं क्योंकि और स्टूडेंट्स गलत सोचते।

एक दिन बातों ही बातों में उस वार्षिक परीक्षा की बाते होने लगी जिसमें मेरा लेटर राव सर ने पकड़ा था और सबको पढ़ के सुनाया था..

आरती खूब हँसी और पूछी आपमें इतनी हिम्मत कैसे हो गई थी उस दिन...मैं तो डर गई थी, मैं तो जानती ही थी आप मुझे बहुत चाहते हो लेकिन इस तरह लेटर देने की आप हिम्मत करोगे मैं सोची नहीं थी...उस दिन आपके पकड़े जाने पर मैं डर गई थी...और एक बात बताऊँ मैंने भी उसके बाद आपके लिए लेटर लिखा था।

लेकिन उसके बाद आपकी सीटिंग change हो गई और फिर आप मिले भी नहीं कहीं।


मैंने खुश होते हुए पूछा क्या वो लेटर आज भी है तुम्हारे पास

आरती- हाँ। संभाल के रखी.. वो मैंने लिखा है लेकिन आपकी याद दिलाता है...इसीलिए संभाल के रखी हूं ।

मैं(खुश होते हुए)- कल लेके आना

यहाँ नहीं है....घर पर है

मैं- कब जाओगे घर पर

आरती- शनिवार को

मैं-लेकर आना। मुझे इंतजार है अब उस लेटर का।

आरती-आप पढ़ के मजाक उड़ाओगे मेरा

मैं-नहीं उड़ाऊंगा आपका मजाक। बस लेकर आना।

आरती- ठीक है मैं Monday को दूंगी।

Monday को क्लास खत्म होने के बाद आरती ने ऑफिस में मुझे वो लेटर दिया


Hindi Love letter


"कैसे है आप??..मेरी वजह से आपकी इतनी insult हुई...मैं आज बहुत रोई हूं, मेरी वजह से खड़ूस राव सर ने आपकी इतनी पिटाई की। आप मुझे चाहते है ये मुझे पहले से ही पता है...मैं भी आपको बहुत चाहती हूं लेकिन आपसे कुछ कहने की हिम्मत नहीं होती है...सच बताऊँ तो मैं भी इंतजार कर रही थी आपका...वो लेटर मेरे पास होता तो कितना अच्छा होता...मैंने उस दिन सुना आपने क्या क्या लिखा था..

एक बात कहूँ यार मैं जब भी आपको देखती हूँ तो मुझे ना जाने क्या हो जाता हे पता नहीं कुछ समझ नहीं आता मन भी कहीं नहीं लगता। दिन भर आपके ही बारे सोचती हूं । मैं जब आपको पहली बार देखी थी शायद तभी से आपको लाइक करने लगी हूँ। बस कह नहीं पाई। एक रियल बात बताऊँ ,

 कुछ दिनों से तो में पागल हो गई हूँ जहां देखूं बस आप नज़र आते हो 

I ❤️ you.....

मैं आपका वेट हमेशा करूँगी..."


(.....शेष कहानी अगले भाग में )



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