ये उसी की आवाज थी जिसका मुझे बेसब्री से इंतजार था ये उसी की आवाज थी जिसका मुझे बेसब्री से इंतजार था
तब ज़िम्मेदारी कम थी बस आज में जीना मायने रखता था। तब ज़िम्मेदारी कम थी बस आज में जीना मायने रखता था।
अरे तू ला तो सही। अभी तेरी समस्या सुलझा देती हूँ। " अरे तू ला तो सही। अभी तेरी समस्या सुलझा देती हूँ। "
अमृता मुंह बनाते हुए कहने लगी मुझे इन फालतू कामों का शौक नहीं है अमृता मुंह बनाते हुए कहने लगी मुझे इन फालतू कामों का शौक नहीं है
कभी खिड़की खुल जाती है, कभी किसी के चलने की आवाजें आती है कभी खिड़की खुल जाती है, कभी किसी के चलने की आवाजें आती है