Shweta Sharma

Drama Crime Thriller

4.1  

Shweta Sharma

Drama Crime Thriller

कातिल कौन? पार्ट - 5

कातिल कौन? पार्ट - 5

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पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की समीर को पता चलता है; की राघव का झगड़ा प्रधान से हुआ था और राजवीर प्रधान को पुलिस स्टेशन बुलवाता है....अब आगे पढ़िए

समीर, पुलिस स्टेशन आ चुका है और तभी इंस्पेक्टर रमन आकर सूचना देता है, की प्रधान दो दिन के लिए अपने बीमार चाचा को देखने गया है, तो समीर, प्रधान के बेटे सूरज को बुलाने के लिए कहता है और दूसरी तरफ प्रीति, अभी भी माधव के साथ है और वो कहती है" प्रधान का बेटा सूरज है ना, उसने शालू के लिए पैसे भिजवाए है मेरे हाथों।" 

"क्या बात कर रही है, उसका बाप तो इतना कंजूस है और बेटा ऐसे पैसे भिजवा रहा है।" मुस्कुराते हुए माधव बोला।

"बहुत सही लड़का है सूरज, दूसरों का दुख देखा नहीं जाता उससे।" प्रीति ने बोला।

"हम्मम, सही है।" माधव ने कहा।

दूसरी तरफ सूरज, पुलिस स्टेशन में समीर के सामने होता है, समीर, सूरज से पूछता है" कैसे हो सूरज?"

"मैं ठीक हूं, सर।" सूरज ने जवाब दिया।

"माफ़ करना तुम्हें रात में परेशान किया, पर क्या करें पुलिस का काम ही ऐसा है।" समीर बोला।

"नहीं सर, कोई बात नहीं; कहिए मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं?" सूरज ने पूछा।

"पता चला मुझे, की तुम्हारे पापा की राघव से लड़ाई हुई थी पैसों को लेकर।" समीर ने पूछा।

"सुना था मैंने, पापा ने बताया था; पर मैं यहां था नहीं, मैं शहर में रहकर पढ़ाई करता हूं, अभी छुट्टियों में आया हुआ हूं।"सूरज बोला।

"तुम्हारे पापा ने राघव को कहा था, की मर जाएगा पता भी नहीं चलेगा।" समीर ने सूरज से कहा।

"अरे! वो तो गुस्से में कह दिया होगा; ऐसे तो लड़ाई में लोग कह ही देते हैं, आपको क्या लग रहा है; की मेरे पापा ने राघव को मारा है?"सूरज ने पूछा।

"मेरा सिर्फ शक है, पक्का नहीं कह रहा।" मुस्कुराते हुए समीर बोला।

"देखिए सर, मेरे पापा को गुस्सा जरूर आ जाता है; पर गलत बात पर, लेकिन वो किसी को मार नहीं सकते।" सूरज बोला।

"हम्मम, अच्छा तुम कुछ और बता सकते हो, कुछ अजीब लगा हो अपने पापा के व्यवहार में इन दिनों या फिर किसी और के व्यवहार में भी?"समीर ने पूछा।

"नहीं सर, ऐसा तो कुछ नहीं देखा।"सूरज ने जवाब दिया।

"तुम्हें कुछ ऐसा लगे, तो प्लीज बताना; गुनहगार चाहे कोई भी हो, सजा तो मिलनी चाहिए, है ना?"समीर ने पूछा

"हां, जरूर मिलनी चाहिए, मैं आपको पूरा कॉपरेट करूंगा।"सूरज ने कहा।

" गुड, ओके, तुम अब जाओ; कुछ जरूरत होगी, तो दोबारा बुला लूंगा, दो दिन बाद तुम्हारे पापा से भी बात करूंगा।" समीर बोला।

"ठीक है सर, अब मैं चलता हूं।" और सूरज चला जाता है।

दूसरी तरफ प्रीति, माधव से मिलकर आ रही होती है; पर अचानक अपने घर की तरफ आते हुए हुए वो देखती है, की शालू मुंह छुपाएं अपने घर से निकलकर कहीं जा रही होती है, प्रीति हैरान हो जाती है और सोचती है शालू ऐसे चुपचाप कहां जा रही है?

to be continued



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