काश ! पापा को बुलाया होता
काश ! पापा को बुलाया होता
शहर के सिटी हॉस्पिटल में थोड़ी गहमागहमी थी।डॉक्टर तेजी से वार्ड के तरफ आ रहे थे और जा रहे थे। नर्स भी भाग दौड़ में शामिल थी। थोड़ी देर में पुलिस की टीम भी हॉस्पिटल में पहुँच गयी।वार्ड में पेशेंट को दिखने के बाद डॉक्टर पुलिस को अपने केबिन में बैठाते हुए पेशेंट की स्थिति के बारे में बताते हुए बोली-
ये गैंगरेप का केस है, लड़की की उम्र 15-16 साल ही है। लड़की सुबह ही हॉस्पिटल के दवाजे पर बेहोशी की हालत में मिली। तो लोगो की मदद से उसे हमलोगों ने यहाँ एडमिट र्कर लिया है।पर ये लड़की कौन है, इसे कोई पहचान नही पा रहा है।
खुद लड़की को भी अभी होश नही आया है,जिसके कारण हम इसके बारे में कुछ नही बता सकते है।
पुलिस ने वार्ड की निगरानी तेज कर दी।आधे घंटे बाद नर्स ने लड़की के होश में आने की खबर डाक्टर और पुलिसLL को दी । लगभग भागते हुए डॉक्टर वार्ड में पहुची। पीछे पीछे पुलिस भी। लड़की अभी भी घबराई हुई थी। डाक्टर इसका चेकअप की,फिर सर पर हाथ फेरते हुए बोली- तुम कौन हो और यहाँ कैसे आ गयी? तुम घबराओ नही ?
लड़की थोड़ी दे चुप रही।शायद वो अपने साथ हुई वारदात को याद करने की कोशिश करने लगी थी।
फिर थोड़ी देर में फूट- फुट कर रोने लगी ।और बोली- काश! मैने पापा को बुलाया होता।
अब एक लेडी कांस्टेबल सामने आई और बोली- तुम अपना नाम और पता बताओ ,जिससे हम तुम्हारे घर वालो को बुला सके।
लड़की ने अपना नाम भूमि बताई और घर का पता दी।
पुलिस उसके घर वालो को इतला कर दिया। थोड़ी देर बाद घरवाले भी हैरान परेशान से आ गए।र्
पुलिस लड़की का बयान लेने लगी । भूमि सहमते हुए बताने लगी - "भूमि अपने किसी खास दोस्त के साथ पार्क में बैठी थी।पार्क लगभग खाली थी। तभी 7-8 बाइक पर सवार लोग आए। वे भुमि और उसके दोस्त को पार्क में बैठा देख पहले दोनों को डांटे। फिर भूमि से बोले- अपने पापा का फोन-नम्बर दो । लेकिन भूमि डर के कारण ना में सर हिला दी।क्यूंकि भूमि के पापा काफी पुराने विचारों वाले थे,उन्हें भूमि का लड़को से बात करना भी पसंद नही था।
वे लोग भूमि के दोस्त को डांट-डपट कर भगा दिए। फिर भूमि को उसके घर तक छोड़ने की बात बोल वहाँ से लेकर निकल गया। और कही गेस्टहाउस ले जाकर उसका बारी-बारी से उसका बलात्कार किये। भूमि सकते में आ गयी । भूमि बार बार उनसे माफ़ी मांगती रही और अपने पापा को बुलाने की विनती करती रही। और शायद यही वजह थी की वो बेहोशी की हालत में भी "काश पापा को बुलाया होता बोल रही थी।"
उसका बयान सुन भूमि के पापा और घरवाले भी अपनी बिटिया की हालत पर रोने लगे।
भूमि के पापा को भी लग रहा था ,काश वो अपनी बेटी के साथ थोड़ा विश्वास का रिश्ता कायम रखते तो शायद ये न होता।
दोस्तों, युवावस्था में बच्चो के कदम अक्सर लड़खड़ा जाते है। लेकिन माँ -पिता को अपने बच्चों पर विश्वास बनाए रखना चाहिए। और उनके साथ मित्रवत व्यवहार करना चाहिए। कभी कभी बच्चों के मन में उपजा ये डर बड़े बड़े अपराध की वजह भी बन जाता है।