कार चलाने वाली दुल्हनिया
कार चलाने वाली दुल्हनिया
अभी हाल मे शिल्पी की शादी छोटे से गाँव में शिवम से हुई। शिवम दो भाई है ।
दोनों भाई शहर मे नौकरी करते है। गाँव मे शिल्पी अपने सास -ससुर एवं जेठानी निधी के साथ रहती हैं। निधी का छठा महीना चल रहा हैं। निधी की देखरेख सास ससुर एवं शिल्पी करते हैं। दोनों भाई शहर से आते जाते रहते है। शिल्पी का गाँव का घर बड़ा सा हैं। घर मे सभी सुविधा जनक चीजें हैं। घर मे कार की भी सुविधा हैं। पर,दोनों भाई आते है तो कार से सब परिवार को सैर कराते है। अभी कार चलाने के लिये ड्राइवर नहीं हैं। शिल्पी के ससुर गाँव के गवई एवं जमीन से जुड़े किसान हैं। उन्हें कार चलाने नहीँ आता।
शिल्पी की जेठानी निधी को सातवां महीना शुरू हो गया हैं। निधी को सातवें महीना मे ही प्रेग्नेंसी का दर्द शुरू हो जाता हैं। निधी दर्द से छटपटाने लगती हैं। निधी के सास ससुर घबडाने लगते है कारण कि घर के पड़ोस मे सूरज नाम का लड़का रहता हैं जो कि बाइक कार सब चला लेता हैं पर आज सूरज भी गाँव के मेला मे चला गया है। निधी को दर्द मे देखकर शिल्पी से रहा नहीं गया। शिल्पी अपने सास ससुर से डॉक्टर केक्लीनिक का पता पूछती हैं। कार मे अपनीजेठानी
एवं सास ससुर को बैठा कर शिल्पी खुद गाड़ी ड्राइव करके अपनी जेठानी निधी को डाक्टर के पास एडमिट कराती हैं। रात के ग्यारह बजे निधी एक खुबसूरत बेटे को जन्म देती हैं। शहर से दोनों भाई सुनकर आनन फानन आते हैं। शिल्पी के जेठ जेठानी शिल्पी को सही समय पर सही निर्णय लेने पर शुक्रिया अदा करते हैं। छोटे से गांव मे शिल्पी की चर्चा कार चलाने वाली दुलहनिया के रुप मे होने लगती हैं।
