जिंदगी का ब्रेड बटर
जिंदगी का ब्रेड बटर
जब ब्रिटिश ने सबसे पहले भारत में सैंडविच की शुरूआत की, भारतीयों उसे डबल रोटी (डब्ल रोटी) कहते थे। दो ब्रेड के बीच में बटर लगाकर इसका सैंडविच बना कर बहुत ही टेस्ट से खाया जाता था यह धनवानो का ब्रेकफास्ट।
जमाना बदला अभी ब्रेड बटर एक ऐसा खाना है जो आराम से बिना गैस की मदद से कहीं पर भी ले जाकर बैठकर ब्रेड बटर लगाकर खाया जा सकता है।
यह खाने में बहुत अच्छा लगता है और इजीली अवेलेबल है।
पश्चिम देशों में तो लोग खाना भी नहीं बनाते हैं ब्रेड में बटर और दूसरी चीजें डाल कर सैंडविच
बनाकर ही खाते हैं।
बहुत सारी अच्छी-अच्छी रेसिपीज आजकल भारत में ब्रेड बटर की बनने लगी है।
सब बहुत शौक से खाते हैं और स्पेशली तरह-तरह के सैंडविच पकोड़े मिठाई यह तो हुई ब्रेड बटर की बात।
अब जिंदगी की ब्रेड बटर बताती हूं।
लोग रिश्वत लेते हैं और उसको अपनी जिंदगी का ब्रेड बटर बताते हैं।
कोड नेम ऑफ रिश्वत
म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के ऑफिस में मिस्टर वर्मा एक हेड क्लर्क थे।
हर फाइल जो मकान से संबंधित होती वह उनके पास से होकर गुजरती।
पहले वह चेक करते फिर आगे जाती।
उन्होंने अपना सेटिंग वहां के चपरासी और साथ के कर्मचारियों के साथ करा हुआ था। चपरासी हर फाइल लेने वाले को बोलता ब्रेड बटर चाहिए ।आने वाला समझ जाता कि इसको रिश्वत चाहिए।
जो नहीं समझता वे उसको पूछता तो वह कोड वर्ड का मतलब समझाता।
और चपरासी से लगाकर हेड क्लर्क तक जब तक उस फाइल पर वेट नहीं लगता मतलब पैसा नहीं मिलता तब तक उस फाइल को आगे नहीं जाने देते।
ऐसे ही सब लोगों ने ऊपर की कमाई कर करके रिश्वत खा कर मतलब ब्रेड बटर ले लेकर बहुत मोटी तगड़ी कमाई कर ली।
मगर कहते हैं ना पाप का घड़ा कोई दिन तो फूटता ही है।
एक दिन उनके वहां एक बहुत ही ईमानदार इंसान अपने मकान का फाइल लेकर आए।
वहां उनसे भी रिश्वत की मतलब ब्रेड बटर के मांगणी की गई।
वो बहुत उसूलों वाले थे। उस समय वहां और भी लोग थे। उन्होंने थोड़ा बोला, गुस्सा किया। दूसरे लोग बोलते हैं, शांत रहो पैसे दे और काम करवाओ नहीं तो जाओ ।
उनको बहुत गुस्सा आया उन्होंने कहा ना मैं लेता हूं ना मैं देता हूं। देख लूंगा तुमको।
और चपरासी से लेकर सभी कर्मचारी रिश्वत ले रहे थे वे जो दे रहे थे वे बोलते हैं पैसे दे दो ना नहीं तो भूल जाओ,
अब तुम्हारा नक्शा पास भी होगा ।
तुम्हारी फाइल आगे भी जाएगी मकान बनाने का भूल जाओ।
वह इंसान वहां से गुस्सा होकर वापस चला गया।
उसके सोर्सेस काफी ज्यादा थे उसने एंटी करप्शन में शिकायत कर दी।
और वहां बात हो रही थी जो रिकॉर्ड भी कर रखी थी उसने जब यह बात हो रही थी तो अपने फोन का बटन ऑन कर दिया था और सारी बात की रिकॉर्ड कर ली थी ।
और वह सारी बात सबूत के साथ एंटी करप्शन ब्यूरो में दे दी।
एंटी करप्शन के लोग साधारण वेश में वहां गए। उनसे भी ब्रेड बटर कि मांग करी गई। चपरासी से लगाकर हेड क्लर्क तक सब एक स्वर में बोलने लगे।
तब एंटी करप्शन के आदमियों ने उन सब को रंगे हाथों पकड़ लिया और जेल भिजवा दिया। तो देखा आपने ब्रेड बटर का दूसरा रूप ।
बुरे काम का बुरा नतीजा
वह इंसान जो रिश्वत ले रहे थे उनकी हालत खराब हो गई।
क्योंकि उनके विरुद्ध में बहुत सारे सबूत थे। फिर तो बहुत लोग आ गए सामने और उनको बहुत सालों की जेल हुई और नौकरी से भी सस्पेंड कर दिया गया ।
और वह जिन्होंने शिकायत करी थी उनकी फाइल में कोई प्रॉब्लम नहीं थी इसलिए उनका सब काम आसानी से हो गया।
उन्होंने हिम्मत दिखाई रिश्वत नहीं दी ।
ब्रेड बटर नहीं खिलाया इसीलिए एक पूरा का पूरा गैंग पकड़ा गया।
