जब आपको छप्पर फाड़कर मिल जाए
जब आपको छप्पर फाड़कर मिल जाए
आज के दौर में ऑनलाइन शॉपिंग बहुत ही सामान्य सी बात है। आज बहुत सारे शॉपिंग पोर्टल्स भी उपलब्ध है। अगर मैं कहूँ सुई से लेकर जहाज तक बिना बाज़ार जाए, घर बैठे ख़रीदा जा सकता है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। लेकिन जब मैंने अपनी पहली ऑनलाइन शॉपिंग, वह भी एक महँगे कैमरे की की थी तो मन में डर, अविश्वास, उत्साह, जिज्ञासा आदि कई प्रकार की भावनाएं थी।
कहीं कुछ फ्रॉड तो नहीं हो जाएगा। कंपनी की जगह कोई डुप्लीकेट सामान तो नहीं भेज देंगे। एक्सपेंसिव सामान के लिए तो कैश ऑन डिलीवरी ऑप्शन भी नहीं होता, कहीं मेरी बैंक डिटेल्स का मिसयूज कर लिया तो। और भी पता नहीं क्या-क्या ख्याल आ रहे थे ?
हमने १० दिन की एक ट्रिप प्लान की थी। उस ट्रिप के लिए कैमरा चाहिए था। कैमरा ट्रिप पर जाने से पहले डिलीवर हो जाएगा, यह सोचकर ही आर्डर किया था। लेकिन ट्रिप पर जाने से एक दिन पहले डिलीवरी स्टेटस चेक किया तो पता चला कि कैमरा तो २ दिन बाद डिलीवर होगा।
कैमरा तो ट्रिप पर ले जाने के लिए ही ख़रीदा था, जब ट्रिप पर ही नहीं ले जा पाएंगे तो क्या फायदा। आर्डर हमने कैंसिल कर दिया और पोर्टल ने हमारा अमाउंट भी रिफंड कर दिया। मैं थोड़ी सी दुखी थी कि वही पुराना कैमरा ले जाना पड़ेगा। लेकिन अब जो है उसी में संतुष्ट रहो।
अगले दिन ट्रिप पर जाना ही था। हमारी रात की ट्रैन थी। मेरे पति अपने ऑफिस गए थे। मैं पैकिंग कर रही थी, तभी फ़ोन की घंटी बजी, दूसरी तरफ मेरे पति थे। उन्होंने जो कहा सुनकर मेरा मन मयूर नाच उठा। कैमरा डिलीवर हो गया था। हम लोग नए कैमरे के साथ ट्रिप पर चले गए।
वहीँ एक दिन कैमरा बेचने वाली कंपनी से फ़ोन आया। शॉपिंग पोर्टल ने हमें पैसा रिफंड कर दिया था और रिफंड से पहले ही कंपनी ने कैमरा कूरियर कर दिया था। हमें तो कैमरा मिल गया था, लेकिन कंपनी को अमाउंट नहीं मिला था। अमाउंट के लिए ही फ़ोन था। मैंने उन्हें बताया कि अभी मैं बाहर छुट्टियों पर आयी हुई हूँ ,आप एक सप्ताह बाद फ़ोन करके मुझे डिटेल्स दे दीजियेगा, मैं अमाउंट ट्रांसफर कर दूँगी।
लेकिन उस दिन के बाद कंपनी से दोबारा फ़ोन नहीं आया। मेरा पहला एक्सपेंसिव सामान घर बैठे ही फ्री में आ गया। गोलगप्पे वाले द्वारा जब लास्ट की एक पपड़ी फ्री में दी जाती है तो हमारी ख़ुशी देखने लायक होती है। यहाँ पर तो पूरा एक कैमरा फ्री में आया था, मेरे लिए तो यह छप्पर फाड़कर मिलने वाली चीज़ थी। मेरी ख़ुशी छुपाये नहीं छुप रही थी। उसके बाद से तो शॉपिंग पोर्टल पर मेरा भी विश्वास कायम हो गया और मैं भी ऑनलाइन शॉपिंग की दुनिया में शामिल हो गयी।
