हवस के रिश्ते

हवस के रिश्ते

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यसा़दली ने दो बार जब जानकी से पूछा तो जानकी ने बात बढ़ाई,…… अरे बेटा वो क्या कहते हैं बटसऐप और फेसबुक, तुम तो जानती हो नया जमाना है, किसी को रिश्ता बताओ तो पहले फोटो भेजो हमें तो बस फोन सूनना और काटना आता है फोटो कहां से भेजे अब वही सब सीखना पड़ रहा है, क्या करें बिटिया समय ही ऐसा आ गया बस घर बैठे बिठाए सब काम हो जाते हैं ये फोन भी अजीब चीज़ है। 

जानकी को पूरा मोहल्ला जानता था रिश्ते करवाती थी, संदली का रिश्ता भी जानकी ने ही करवाया था। 

सांदली के पिता बैंक में नौकरी करते थे यहीं पर चण्डीगढ में, 6 साल यहां पर रहे इसी मोहल्ले में, फिर देहरादून तबादला हो गया, किसी का मन नहीं था यहां से जाने को, लेकिन नौकरी है तो जाना तो होगा। संदली 10 वीं कक्षा में थी। चुलबुली सी, बला की खुबसुरती, हंस के प्यार से बोलने वाली सबकी चहेती । उनके जाने की बात सुनकर सब उदास हो गए। चंडीगढ़ अच्छे मोहल्ले में घर मिल गया था, वहां संदली जब बी.काम फर्स्ट इयर में थी तो उसे एक लड़के से प्यार हो गया, सांदली मां से कुछ नहीं छिपाती थी, मां-बेटी का रिश्ता सहेलियों सा था, संदली ने मां को उस लड़के के बारे में सब बता दिया था दोनों एक साथ पढ़ते थे तो एक बार दोनों पिक्चर देखने गए वहां उस लड़के (आकाश) ने संदली को बांहों में भर लिया और अपने होंठ उसके होंठों पर रखने लगा तो सांदली ने एकदम से ज़ोर से धक्का दिया आकाश में क्या बदतमीजी है, मुझे ऐसी हरकतें पसन्द नहीं।  

 अरे तो करता हुआ हम प्यार करते हैं इसमें गल्त ही क्या है।।

 प्यार का मतलब ये तो नहीं, शादी से पहले ये ग़लत है।  

हूंअअअअ शादी से पहले हो या बाद में इससे क्या फर्क पड़ता है।  

तुम्हें फर्क नहीं पड़ता होगा लेकिन लड़की के लिए उसकी पवित्रता ही सब कुछ है, sorry अगर तुम्हें ये सब चाहिए तो I m sorry, मैं जा रही हूं और सांदली वहां से चली आती है। घर आकर मां के गले लग कर खूब रोई सब बताया मां को , मां ने ढांढस बंधाया और समझाया। कालिज तो जारही थी लेकिन वहां उसे अच्छा नहीं लगता था थोड़े समय बाद ही संदली के पिता का तबादला फिर से चंडीगढ़ हो जाता है सब खुश हैं, लेकिन सांदली के मन में आशंका होती है कि कहीं वहां जाकर किसी को ये बात ना पता चले, एक तरह से तो वो खुश थी कि आकाश से दूर हो जाएगी। चंडीगढ़ फिर से वही उसी मोहल्ले में आकर रहते हैं, सब लोग खुश हैं, दो साल होने को हैं, संदली 3 Rd year में है जानकी आंटी सांवली की मम्मी के पास सांदली के लिए बहुत अच्छा रिश्ता लाई, लेकिन सांदली अभी आगे पढ़ना चाहती थी तो लड़केवालों से बात की और वो मान गये कि सांवली बाद में पड़ेगी। रिश्ता पक्का हो गया, सगाई के बाद एक दिन लड़का (वरूण ) सांदली से मिलने आता है और वो घुम्ने जाते हैं, वहां वरूण उसको kiss करने लगता है  । 

 Pls वरूण ये सब  शादी से पहले नहीं,। क्या problem है वैसे तो ये सब चलता है आजकल, और साथ में तुम पर अब मेरा हक है, मैं कुछ भी करूं। 

 मेरा हक का क्या मतलब है, मैं कोई तुम्हारी property नहीं, वरूण ज़बरदस्ती करता है इतने में सांदली के भाई का फोन आ जाता है।

ओहोओओो साले का फोन भी अभी आना था, सांदली एकदम से फोन ओन करती है और रोने लगती है। अरे करता हुआ मेरी लाडो ? भाई जल्दी आके मुझे लेजाओ बता कहां हो तुम लोग मैं अभी आया । सांवली का भाई वहां पहुंच जाता है और सारी बात जानकर सांदली को घर लेआता है। सांदली क्या हुआ मेरी बच्ची । मां मुझे वरूण से कोई रिश्ता नहीं रखना। सांदली की मां सारी बात जानकर रिश्ता तोड़ देती है, अब सांदली का मन इस तरह टूटा कि उसने शादी ना करने की कसम उठा ली। 

बेटी आज नहीं तो कल शादी तो करनी होगी ना इस तरह सारी उम्र अकेले के कहां कटती है। आंटी आप सब हैं ना मैं अभी पढुंगी, और ये मर्द सब हवस के पूजारी है, कोई प्यार नहीं करता किसी को, सब औरत के जिस्म के भुखे हैं ये रिश्ते प्यार के नहीं सिर्फ हवस के हैं।


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