Gita Parihar

Inspirational

3  

Gita Parihar

Inspirational

हमारी भाषाएं

हमारी भाषाएं

2 mins
116


दोस्तो , केवल उर्दू ही दाएँ से बाएँ नहीं लिखी जाती बल्कि विश्व की १२ भाषाएँ आज भी दाएँ से बाएँ लिखी जाती हैं। जिनके प्रमुख हैं, अरबी, हिब्रु,फ़ारसी और सिंधी भी इसी श्रैणी में आती हैं।

पहले और भी अधिक भाषाएं इस श्रैणी में थीं।प्राचीन भारत की सिंधु घाटी सभ्यता की दो प्रमुख लिपियों ब्राह्मी एवं खरोष्ठी में खरोष्ठी दायें से बाएँ लिखी जाती थी।

युनान की भाषा ग्रीक भी पहले दाएँ से बाएँ लिखी जाती थी और बाद में दुतरफ़ा जिसे सर्प लेखन भी कहते हैं उस तरह लिखी जाने लगी। इसमें एक पंक्ति समाप्त होने पर ठीक उसके नीचे से दूसरी पंक्ति विपरीत दिशा में चल पड़ती है। इसी तरह से पूरा लेखन चलता है। अंग्रेज़ी में इसे बौस्ट्रोफोडन कहते हैं।

चीनी, जापानी एवं कोरियन ऊपर से नीचे की ओर लिखी जाती है- खड़ी लकीरों जैसी। परन्तु यह लकीरें भी दाएँ से बाएँ चलती हैं।मोहनजोदड़ो काल के सिक्कों पर राजा के चित्र के साथ कुछ लिखा भी हुआ है जो अब तक पढ़ा नहीं जा सका है परन्तु यह निश्चित है कि वह दाएँ से बाएँ लिखे गये हैं। 

प्रश्न उठता है कि जब पढ़ नहीं सकते तो कैसे जाना कि किस तरफ़ से लिखा गया है? इसे पहचानने का एक सरल तरीक़ा है। जिस तरफ़ से लिखना प्रारम्भ करते हैं उधर से पंक्ति एक निश्चित जगह से प्रारंभ होती है परन्तु दूसरी तरफ़ कभी जगह अधिक छूट जाती है,कभी ज़रूरत पड़ने पर शब्द बहुत सटे लिखे जाते हैं। 

मनुष्य ने पहले मौखिक रूप से स्वयं को व्यक्त करना सीखा होगा और बाद में लिखना। उस समय आज की भाँति लिखने की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। न काग़ज़ कलम और न ही स्याही। राजाओं के आदेशों को शिलालेखों, ताम्रपत्रों पर उकेरा जाता था जो कि कठिन कार्य था और करनेवाले भी कम थे।ऐसा माना जाता है कि उकेरते समय लिखने वाले को बाएँ हाथ से पत्थर मज़बूती से पकड़ने एवं दाएँ हाथ से काम करने में सुभीता रहता होगा।और तब वह स्वभाविक तौर पर दाएँ से लिखना शुरु करता था।

समाज बहुत स्वभाविक रूप से ही विकास करता चलता है। आगे चल कर उपरोक्त कुछ लिपियों ने बाएँ से दाएँ लिखना चुना तो संस्कृत एवं लेटिन मूल की भाषाओं ने बाएँ से दाएँ।ऐसे में कौन सी लिपि सीधी है और कौनसी उल्टी इस का फ़ैसला करना मुश्किल है।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational