Manju Rani

Tragedy

5.0  

Manju Rani

Tragedy

हमारा भविष्य

हमारा भविष्य

2 mins
363


जानकी बोली - आज कल मैं चेहरे पढ़ना सीख रही हूँ।

संदली उत्साह दिखाते हुए बोली - अच्छा बताइये मेरे चेहरे पर क्या लिखा है।

जानकी बोली - तुम्हारे चेहरे पर परेशानी लिखा है। बोलो क्या हुआ?

संदली धीरे से बोली- ये दिल्ली का शाहीन बाग, कल कैसे दिल्ली जल रही थी। आप को पता है कितने लोग मर गये और कितने घायल हो गए हैं। एक शाहीन बाग ने कितने शाहीन बागों को जन्म दे दिया है। आज कर्फ्यू लगा हुआ है। बिचारे दसवीं -बारवीं वाली बच्चों की बोर्ड की परीक्षा रद्द हो गई है। वो कितने परेशान हो रहे होगें। बारहवीं वाले बच्चों के तो कम्पीटीटिव परीक्षा भी है। पर इन का क्या जाता है।

मंद मुस्काते हुए जानकी बोली- पर तुम क्यों दुखी हो रही हो?

संदली पैर पटकते हुए बोली - वैसे तो हर समय बोलते हैं अतिथि देवो भव और कल ट्रम्प व उसके परिवार का क्या स्वागत हुआ है दिल्ली में। घर में कुछ परेशानी होती है तो मेहमान के सामने उजागर भी नहीं करते। देखा इन लोगों ने क्या किया। आज हमारे कॉलेज में कुछ पढ़ाई नहीं हुई।

जानकी ने पूछा - क्यों?

संदली बोली- शनिवार को एक शांति मार्च निकालने की सोच रहे हैं। क्लास आज से ही बन्द। मुझे कुछ समझ नहीं आता ये क्या हो रहा है। अरे जिसे जो करना है करें पर बिना किसी भी तरह के नुकसान के।

जानकी ने उत्साहित होकर पूछा - वो कैसे?

संदली उत्साह पूर्वक बोली - इलाक्ट्रानिक माध्यम द्वारा पत्र लिख कर अधिक से अधिक लोगों का हस्ताक्षर द्वारा समर्थन ले कर संबंधित कार्यालय व संंसद में भेजना चाहिए। ऐसे करने से समय, जान, माल व काम का नुकसान नहीं होगा पर यहाँ सुनता कौन है।

जानकी बोली - तो तू कल अपनी बात कॉलेज यूनियन के अध्यक्ष के सामने रखना। अब चल।

और दोनों मुस्कुराते हुए वहाँ से चली गई।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy