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Veena rani Sayal

Inspirational

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Veena rani Sayal

Inspirational

हालात

हालात

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आज बाजार में बहुत बर्षों बाद, पुराने मित्र मिले। जानकर खुशी हुई कि उनके बच्चे पढ़-लिख कर अच्छी नौकरियों पर लगे हैं।यह महाशय इस बात के लिये मशहूर थे कि हरदम अपने बच्चों की हर बात में टोकाटाकी करते,उनके मित्रों पर, उठने बैठने पर नजर रखते थे।हर काम के लिये समय को महत्व देते थे।यही वजह है कि उनके अनुशासन के कारण ही आज बच्चे इस हालात में जीवन बसर कर रहे हैं।यह बात नहीं कि यह मित्र बच्चों के प्रति सख्त तवीयत,हिटलर टाईप के थे।

बड़ी समझदारी से बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिये, आज के हालात के लिये, एक पिता के नाते अपना फर्ज निभाया।आज गर्व से सीना तान कर, जी रहै हैॅ।

हालात बनते नहीं बनाये जाते हैं।अक्सर देखा और सुना है कि क्या करें हालात ऐसे हैं, जरा ठंडे दिमाग से सोचो, हालात हमने स्वयं बनाये हैं।समय के साथ चलते हुये, धैर्य, हिम्मत और सूझ बूझ से काम लें तो हालात को अपने अनुकूल बनाना हमारे हाथ में है।

   एक पहचान वाले भाई अक्सर शिकायत करते कि उनके बेटे, किसी भी काम में कामयाबी को हासिल नहीं करते।जब समय था तो बेटों को मनमानी करने से नहीं रोका,बेटे सारा दिन मोबाइल पर खेल खेलते रहते,किसी से मिलना जुलना नहीं,कोई शारीरिक व्यायाम नहीं करना।

बस मोबाइल ही मित्र था।तब तो जनाब यही कहते नयी टेक्नोलॉजी है,पता होना चाहिये वर्ना दूसरे बच्चों से पिछड़ जायेंगे।समय रहते सही मार्ग दिखाते तो आज हालात ऐसे न होते।

समय कभी एक सा नहीं रहता परिवर्तन 

 तो होता रहता है।मानव जीवन जन्मसे लेकर बचपन,यौवन कहो या जवानी, बुढापा हर स्तर से गुजरता है।हालात कैसे भी हों, जिंदगी का सफर तो चलता रहता है।

एक परिवार जो अखबार से लिफाफे बनाकर, लोगों के कपडे सिलकर गुजारा करता था, कभी हालात से गिला शिकवा नहीं किया,बस धैर्य से काम लिया, कि कभी तो हमारा भी समय आयेगा, इस उम्मीद पर जीवन का आनन्द उठाते रहे,वह परिवार आज एक डिजाइनर कम्पनी का मालिक है।हालात के गुलाम होकर नहीं,हालात को अपना गुलाम बनाकर कामयाबी हासिल की।

हालात का बहाना कायर बनाते हैं,जांबाज हालात का सामना करते हैं।


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