यह गर्म सेहरा तुम्हारी जुल्फ ओ शबनम की बू में दोबारा जरखैज़ ( उपजाऊ मिट्टी ) हो जाए यह गर्म सेहरा तुम्हारी जुल्फ ओ शबनम की बू में दोबारा जरखैज़ ( उपजाऊ मिट्टी ) हो ...
जिन्हें अक्सर बड़ी खुशियों को पाने की कशमकश के बीच हम कुर्बान कर देते हैं।” जिन्हें अक्सर बड़ी खुशियों को पाने की कशमकश के बीच हम कुर्बान कर देते हैं।”
अब क्या मेरे ठंड में कड़क हो जाने के बाद रूम हीटर चालू करेगा।" अब क्या मेरे ठंड में कड़क हो जाने के बाद रूम हीटर चालू करेगा।"
तुरंत उसे चलता किया। मन ही मन वह सूत्र दोहराया...अपना हाथ जगन्नाथ। तुरंत उसे चलता किया। मन ही मन वह सूत्र दोहराया...अपना हाथ जगन्नाथ।
लेखक : इवान बूनिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : इवान बूनिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
निशानियां छोड़ गयीं थी जो ताउम्र उसके साथ रहने वाली थी ! निशानियां छोड़ गयीं थी जो ताउम्र उसके साथ रहने वाली थी !