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गूँगे स्वर

गूँगे स्वर

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उसकी आवाज़ बड़ी मधुर थी। रेडियो के माध्यम से उसकी आवाज़ जन-जन के दिलों पर राज करती थी। उसकी इसी ख़ूबी पर फ़िदा होकर राज के परिवार वालों ने उसे बहु के रूप में चुना था।

आज वह बहुत चीख़ रही है, लेकिन उसकी यह चीख़ किसी को सुनाई नहीं पड़ रही। क्योंकि जब से उसकी शादी हुई है उसकी चीख सास, ससुर, ननंद, देवर, पति और बच्चों की फ़रमाईशों की आवाज़ों के बीच दबकर रह गयी।


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