गुमशुदा आदमी कंँहा जाता है
गुमशुदा आदमी कंँहा जाता है
ये गुमशुदा आदमी कहां जाता है या तो किसी का गुलाम बन जाता है या अकेला हो जाता है.
कोई ढूंँढ नहीं पाता है गुमशुदा आदमी बाहरी दुनिया में गुम हो जाता है और गलत लोगों से पाला पड़ जाता है.
सड़क पर बैठा इंसान वो भी गुमशुदा हो सकता है इस पर विचार कोई नहीं करता.
घर के उलझे धागो को सुलझाने के लिए बाहर निकलता है लेकिन और वह उलझ कर रह जाता है.
गरीबी का बोझ सर से उतारने के लिए वह बाहर निकलता है और इसी दुनिया में कहीं गुम हो जाता है.
बाहरी दुनिया को साथी और घर की दुनिया को गलत समझने वाला गुमशुदा हो जाता है.
जब सोचने समझने वाला कोई नहीं होता तब बाहरी दुनिया में खोजने की कोशिश करता है .
किसी का चिराग उड़ जाता है और किसी का घर उजड़ जाता है यहां मूर्ख बनाने वाले ज्यादा और अपने कम ही मिलेगे.
चोरी करने वाला भी गुमशुदा इंसान हो सकता है. खुद की दुनिया में गुम आदमी ही गुमशुदा होता है .
बुढ़ापे में माँ - बाप को सहारा न बनने की वजह से वही बाहर निकल जाता हैं.
गरीबों के घर उजड़ते देखे हैं अमीरों के घर बनते देखे हैं.