गरीब
गरीब
क्यो रे दीनू आज स्कूल क्यों नहीं गया, माँ के साथ बंगले पर आए बेटे से, माँ ने डपटते हुए पूछा। तब वह लजाते हुए बोला, माँ कल हमारी क्लास में एक बच्चे की कीमती घड़ी चोरी हो गई।
यह बात जब उस बच्चे ने प्रिंसिपल सर को बताई तो उन्होंने पूरी क्लास के सामने सिर्फ मेरे ही बेग की तलाशी ली। माँ बेग में घड़ी तो मिली नहीं ,पर सब बच्चे मुझे देख बहुत हँस रहे थे, यह मुझे बड़ा बुरा लगा।
और माँ इस पर भी सर मुझे समझाइश देते हुए बोले, कि दीनू मैं जानता हूँ कि तेरे पिता नहीं है। व माँ दूसरों के घर का काम कर तुम्हें पाल रही है। अतः जब आर टी आई के तहत तुम इतने बड़े स्कूल में प्रवेश पा ही गए हो।
तो तुम्हें सदा ईमानदार रहते हुए अपना सदचरित्र बनाने का प्रयास करना चाहिए। जिससे भविष्य में तुम्हें एक अलग पहचान मिले।
दीनू की बात सुन अब माँ बोली, बेटा बात तो प्रिंसिपल साहब ठीक ही कहते है। पर शायद वे यह नहीं जानते कि अपनी इसी ईमानदारी और अच्छे चरित्र के कारण ही तो हम, अब तक....और इतना कह फफकते हुए उसने मासूम दीनू को अपनी छाती से लगा लिया।
