गिरवी
गिरवी
हरिया खेत की हरियाली देख खुशी से सराबोर हो अपनी धुन में फसलों को निहार रहा। इस बार फसल बहुत अच्छी हुई ,वह खुशी में मग्न है। हरिया सोच रहा है, इस बार अपनी फसल को बेच कर अपने बाप-दादा की गिरवी पड़ी जमीन मुनीम जी को पैसे देकर छुड़ा लेगा। तब इसके बाद अपने पुरखों की संपत्ति को कभी गिरवी नहीं रखेगा। इसके लिये उसे चाहे कितनी भी मेहनत क्यों न करनी पड़े। अब कोशिश रहेगी कि फसल उगाकर बाप दादा के सपनों को साकार करेगा।
