Shalinee Pankaj

Inspirational

3  

Shalinee Pankaj

Inspirational

घर ही मंदिर है

घर ही मंदिर है

2 mins
394


आज न मैंने अखबार पढ़ा न कोई वाट्सएप्प,ना ही फेसबुक चलाई। कोई मूवी भी नही देखी। आज सोचा कि कुछ अधूरे काम पूरे कर लूँ,पर वक्त कैसे बीता पता ही नहीं चला। 


दोनों बच्चों के बीच पिंगपोंग बॉल की तरह डोलती रही। कितना मजेदार व मीठा दिन था आज। तनावमुक्त जैसे बचपन होता है। एक ऐसा पल जहाँ हमारे इस छोटे से परिवार के बीच कोई मेहमान नहीं ।कोई बाहर जाने की जिद नही,ना शॉपिंग का लालच।


सोशल होते हुए भी हम सोशल मिडिया से पूरी तरह डूबे रहते हैं पर अब चाहकर भी सोशल मीडिया से सोशल नही हो पा रहे,क्योंकि पूर्णरूप से जब घर में रहे तो पता चला कि असली जन्नत तो परिवार व अपनो का साथ है।


पिछले कुछ दिनों से स्वस्थ्य खराब था मैंने आवाज दी "सुनो मैं गर्म पानी से नहा लूँ। उन्होंने कहा!" हम्म" फिर चिढ़ाते हुए बोले "बिल्कुल नहीं गर्म पानी से नहाने से तुम मेढ़क जैसी हो जाओगी।" मुझे बहुत हंसी आई ओह्ह गॉड ये मोटापा भी मजाक बन जाता है और फिर नहाने चली गयी।


दोपहर में मोबाईल में देखा कि इस लॉकडाऊन में बहुत ट्रेंडिंग चल रहा है वीडियो का । किचन में हसबैंड कुछ सब्जी बना रहे,पकौड़े बना रहे तो कहीं प्याज ,टमाटर कट करते हुए। मैं मन ही मन मुस्कुराते कुछ सोचते हुए किचन की तरफ जा रही थी कि मेरे हसबैंड बिना किसी पूर्वसूचना के उपमा बनाकर बाहर निकलते हुए बोले सर्व "कर दो।" मैं उन्हें देखती रह गयी ये तो सच में चमत्कार से कम नही था।


कितने बेकरार हैं हम बाहर निकलने के लिए पर सच तो ये है कि जैसे मंदिर में हम जितनी देर रहते है मंदिर की सकारात्मक उर्जा का प्रवाह हमारे शरीर में होने लगता है इसलिए मंदिर शांति का अनुभव होता है। ठीक उसी तरह इस हमारा घर होता है। बाहरी सम्पर्क से दूर परिवार बिताया हर लम्हा सुखद होता है।आज दूसरे दिन इस बात का अनुभव हुआ, तो क्यों इन 21 दिनों को बेहतरीन तरीके से जिया जाए।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational