गैस का सिलेंडर
गैस का सिलेंडर
पात्र-
1. संयम - 24 वर्ष
2. जया - 48 वर्ष
3. विशाल - 51 वर्ष
4. डाॅक्टर - 42 वर्ष
पर्दा उठता है- ( पहला दृश्य एक सम्पन्न घर का दृश्य है। )
संयम -" मम्मी! मेरी गाड़ी की चाबी नहीं मिल रही।"
जया - "बेटा टेबल पर ही रखीं हैं हम तीनों की गाड़ी की चाबी और दवाइयों के पैकेट भी। अपने नाम की दवाई का पैकेट ही लेना।"
संयम - "ठीक है माँ। बाॅय माम एण्ड डेड।"
जया - "अजी सुनते हो मुझे आज ऑफिस से आते हुए देर हो जाएगी। आप शाम को पैकेट वाले राजमा चावल लेते आना।"
विशाल -" ठीक है।"
जया -" हे भगवान ये लड़का अपना आक्सीजन सिलेंडर घर ही भूल गया है, अब ऑफिस में पूरा दिन कैसे करेगा......."
विशाल - "आओ! साथ बैठकर नाश्ता करते हैं।"
जया - "तुम्हें नाश्ते की पड़ी है, आज हमारे ऑफिस में बाहर की टीम प्रौजैक्टर लगाने आ रही है , मैं नाश्ता गाड़ी में ही कर लूँगी।"
अब घर में केवल विशाल ही है।
(स्वगत - समय कितना बदल गया है , आज बच्चे , नौजवान और बुजुर्ग सभी दवाइयों के भरोसे जिंदा है। इस जहीरीले वायु के चैम्बर में हम बिना सिलेंडर के साँस भी नहीं ले पाते। )
हे ईश्वर! हमारा बचपन का समय कितना खुशगवार था। सबकुछ है लेकिन सुकुन की साँसें ही नहीं है।
"चलो ! भई ऑफिस का समय हो गया है।"
दूसरा दृश्य - शाम के पाँच बजे है ।
संयम - ऑफिस में है , तभी फोन बजता है।
जया के ऑफिस से - "आपकी मम्मी को हार्ट अटैक आया है आप जल्दी कैलाश हाॅस्पिटल पहुंँचिए।"
संयम अपने पापा को फोन करके बताता है और तुरंत हाॅस्पिटल पहुँचता है।
(तीसरा हाॅस्पिटल का दृश्य - जया बैड पर लेटी है। मुँह पर आक्सीजन माॅस्क लगा है।)
संयम - माँ को देखकर बहुत चिंतित होता है। तभी विशाल भी हाॅस्पिटल पहुँच जाता है दोनों जया की हालत देखकर उदास हैं।तभी रुम में डाॅक्टर चैकअप के लिए आते हैं।
संयम - "नमस्ते डाॅक्टर साहब ! मेरी मम्मी को बचा लीजिए , खर्चे की चिंता नहीं बस ! हमें अच्छा इलाज चाहिए।"
डाॅक्टर - "धीरज रखिए ! हम पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सब-कुछ हमारे हाथ में नहीं है। नई तकनीकी उपकरण हैं लेकन इलैक्ट्रिसिटी और गैस का स्टाॅक खत्म हो गया है।"
विशाल - "ओह ! हाॅस्पिटल में गैस और इलैक्ट्रिसिटी नहीं है, अब कैसे होगा?"
डाॅक्टर - "हम मजबूर हैं...."
विशाल -" काश ! हम समय रहते संभल जाते तो आज ये दिन न देखने पड़ते। उधार की साँसें, धन संचित की होड़ में ने सांँसें ही ........ अब वृक्षारोपण और कार पुलिंग एकमात्र विकल्प है। प्रकृति से छेड़छाड़ को तुरंत बंद करना होगा..."
(पर्दा गिरता है।)
