एक्सीडेंट
एक्सीडेंट
“राघव गाड़ी धीरे चलाओ, राघव मोड़ पर तो हार्न बजाओ, कम से कम सीट बेल्ट तो लगा लो।”
राघव, “रिया कितना बोलती हो, जरा शांति से बैठो... मैं कोई बच्चा नहीं हुँ।”
कार हवा से बातें करती, जयपुर हाईवे पर चली जा रही थी। तभी परी ने कहा, “मम्मी, जब भी हम दादा जी के घर जाते है, आप लोग लड़ना शुरू कर देते हो, मुझे ड्रिंक दो प्यास लगी है!!”
रिया हँसती है... “हाँ, दे रहीं हूँ!!”
राघव भी हँसने लगता है! तभी अचानक जोरों की अावाज होती है और आगे एक तेज गति से आती कार ट्रक से टकरा जाती है। राघव ने तेजी से ब्रेक दबाया, पीछे सीट पर बैठी 6 साल की परी उछल कर टकरा जाती है, वहीं रिया के मुँह से चीख निकल जाती है। कार तिरछी होती हुई डिवाइडर से टकरा बंद हो जाती है।
जैसे ही रिया मुड़ती है, परी के सर पर खून देख चिल्ला उठती है... “परी!! देखो कितना खून बह रहा है... मैं तो कार से जाना ही नहीं चाहती थी।”
राघव जल्दी से परी को कार से बाहर निकाल, सामने मेडिकल स्टोर में ले जाता है। रिया के आँसू थम ही नहीं रहे थे!
मेडिकल स्टोर के स्टाफ ने परी की पट्टी की ओर रिया व परी को एप्पल जूस पीने को दिया। अब परी मुस्करा रही थी।
राघव, “मैं देख कर आता हूँ! काफी भीड़ इकट्ठा है!!”
राघव लौटकर बदहवास आ बैठ जाता है!!
रिया, “क्या हुआ??”
राघव, “भयंकर एक्सिडेंट हुआ है!! तुम ठीक कहती हो गाड़ी धीरे चलाओ!! देखते- देखते पूरा परिवार एक मिनट में काल के मुख में समा गया... करीब दो या तीन बार उसने मुझसे ओवर टेक किया था, तभी हल्की सी झलक देखी थी... अब भीड़ वीडियो बना रही है और पत्रकार धड़ाधड़ फोटो खींच रहे है।”