हाँ सच ही तो है, भूख की भाषा पेट के अलावा कोई नहीं है। हाँ सच ही तो है, भूख की भाषा पेट के अलावा कोई नहीं है।
मैं अपने अपराधों के लिए तुम से क्षमा याचना करने की इच्छा से ही आज तक जीवित हूँ। तुम और रत्ना मुझे यद... मैं अपने अपराधों के लिए तुम से क्षमा याचना करने की इच्छा से ही आज तक जीवित हूँ। ...
मेरी तमाम सफलता का श्रेय जाता है मेरे माँ बाप को जिन्होंने हर परिस्थिति में मेरा साथ दिया मेरी तमाम सफलता का श्रेय जाता है मेरे माँ बाप को जिन्होंने हर परिस्थिति में मेरा...
नेता और संपादक के घटियापन की पराकाष्ठा में लगातार भागते-भागते वह थक गए थे नेता और संपादक के घटियापन की पराकाष्ठा में लगातार भागते-भागते वह थक गए थे
आज आप पहली बार आये हैं। कृपया अपने बारे में, साहित्य की सेवा के बारे में बतायें। आज आप पहली बार आये हैं। कृपया अपने बारे में, साहित्य की सेवा के बारे में बतायें।
हम नेताओं का ह्रदय तो पार्टी ऑफिस में गिरवी पड़ा रहता है। हम नेताओं का ह्रदय तो पार्टी ऑफिस में गिरवी पड़ा रहता है।