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Vimla Jain

Tragedy

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Vimla Jain

Tragedy

एक श्रद्धांजलि बेहिसाब मोहब्बत

एक श्रद्धांजलि बेहिसाब मोहब्बत

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समय कहां जाता है।

 आज 2 साल हो गए आपको गए हुए मगर ऐसा लगता है जैसे कल की ही बात है।

 हम आपको भूल नहीं पाए हैं। और ना कभी भूल पाएंगे आपका वह प्यार से लड़ना, प्यार से गले लगाना पीठ थपथपाना, गुस्सा होने पर खाना नहीं खाना और वापस मनाने पर खा लेना।

 आपका वह हंसता हुआ निर्दोष चेहरा जो कितना खिलखिला कर हंसते थे। आपका सबके ऊपर एकदम रोबीला रूप जिस में आपका हमेशा प्यार छुपा था, और एक अपनों के लिए फिक्र छुपी थी। 

आपका मेरा साथ तो बहुत लंबा चला 45साल। कब मैं बहू से बेटी बन गई पता ही नहीं चला।और आपका वे सब जनों को कहना कि मैं सब कर सकती हूं।

 इतना विश्वास दिखाना प्यार डांट और विश्वास जिसने मुझे जिंदगी में एक सफल कामयाब इंसान बनाया। उसको हम कभी भूल नहीं पाएंगे।

 वह बच्चों के साथ रात रात भर जागना और उनको पढ़ने में बिना डिस्टर्ब करें वहां बैठे रहना।

 और सुबह जल्दी उठा कर के वापस उनको परीक्षा के लिए भेजना बच्चों की पढ़ाई में खुश होना उनको सफल कामयाब इंसान बनाने में आपका बहुत बड़ा हाथ है। आप तो इस समय के लोगों से भी ज्यादा समय के साथ चलने वाले थे। जिस चीज के लिए किसी ने भी हां नहीं भरी उसके लिए आप 5 मिनट के लिए तैयार हो गए और क्या-क्या लिखो बहुत लंबी जिंदगी थी।

 बहुत साल अपने बिस्तर में गुजारे सब समय हंसी खुशी गुजरा।आपने तो अपनी जिंदगी अच्छी तरह जी ली धर्म कर्म करते हुए बिस्तर में भी धर्म-कर्म चालू था साथ में सब कुछ चालू था।आपका मन मधु भाभी जी के लिए बहुत धड़कता था। और बहुत दुखी रहता था कि वह समय से पहले चली गई इसीलिए आपने भी जाने का वही दिन चुना जो उनका था ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे सासू बहू दोनों शांति और सुकून से चिर निंद्रा में सो गए एक ही दिन मगर 20 साल का फर्क।

 इसीलिए आपके लिए तो अब इस दुनिया में कोई जगह ही नहीं है।

 मैं तो आपके मोक्ष की कामना करते हुए आपको हार्दिक श्रद्धांजलि पेश करती हूं आप को शत-शत नमन ओम शांति ओम अर्हम।

भाभी जी को भी शत-शत नमन ओम शांति ओम अर्हम उनको भी में हार्दिक श्रद्धांजलि पेश करती हूं।



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