"एक सैनिक के खयाल"
"एक सैनिक के खयाल"


इतना खौफ होने के बावजूद भी सीना तान के रहता हूं, हाँ गर्व है मुझे 'मैं हिन्दुस्तान मे रहता हूँ।
कह देना मेरी पत्नी से मुझे याद करके अपनी आंखें नम ना करे, और रोती भी है तो रोने देना, बनके आंसू मैं ही तो उसकि आँखो से बेहता हूँ, गर्व है उसे 'मैं हिन्दुस्तान मे रहता हूँ।
जब जा ही रहे हो तो मेरे भाई को बता देना, अब सब कुछ उसको ही सम्भालना है ये भी जता देना, दुश्मन कि किस गोली पर लिखा हो नाम मेरा ये मैं कैसे कह सकता हूं, मत दूर समझना मुझे अपने से तू, लहू बनकर मैं ही तो तेरी रगों मे बेहता हूँ, हा गर्व है मुझे 'मैं हिन्दुस्तान मे रहता हूँ।
बहन तेरी याद मुझे बहुत आती है, पता है हर राखी पर मेरी कलाई खाली रह जाती है, और भी बहने हैं मेरी जिनकी रक्षा के लिए मैं हमेशा तत पर रहता 
;हूँ, तुझे पता तो है मैं तुझसे झूट कहा कहता हूं, गर्व है ना तुझे 'मैं हिन्दुस्तान मे रहता हूँ।
मेरे दिल कि बात मेरी माँ के दिल तक अपनेआप पहुंच जाएगी, तू उससे ज़रा भी झूठ मत कहना वो झट से समझ जाएगी, और मेरे शहीद होने कि खबर वो सह नहीं पाएगी, होके बंद ताबूत मे मैं उससे खुद मिलने आऊंगा, वो मुझसे लिपट के सब कहेगी पर मैं कुछ ना कह पाउंगा, और मैं दूर कहा हूँ यहीं धरती मां कि गोद मे ही तो रहता हूं, गर्व है ना तुझे ' मैं हिन्दुस्तान मे रहता हूँ।
अब तुमसे बिछड के मुझे फिर किसी अपने से मिलना है, एक शहीद को दूसरे शहीद से मिलना है, और पीठ पर नहीं सीने पर खाई है गोली, ये बात मैं इतरा कर कहता हूं, हाँ गर्व है मुझे ' मैं हिन्दुस्तान मे रहता हूँ।