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Akanksha Gupta (Vedantika)

Tragedy

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Akanksha Gupta (Vedantika)

Tragedy

एक पल में

एक पल में

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संध्या को होश आया तो उसने उठने की कोशिश की। तभी उसे एहसास हुआ कि उसके शरीर पर कोई भारी वजन रखा हुआ है। उसे अभी भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिरकार हुआ क्या था। उसके सिर से बहुत खून बह रहा था।


उसे याद आया कि वो अपनी गाड़ी से अपने माता-पिता के घर जाने के लिए निकली थी कि तभी उसका एक्सीडेंट हो गया था। अब तक वो उसी गाड़ी के नीचे दबी हुई थी।


कितनी शिकायतें थीं उसे अपने जीवन से। अपने पति विनोद से उसकी विचारधारा कभी नही मिली। उसे तो अपने परिवार में विनोद के अलावा और कोई चाहिए ही नहीं था। और विनोद अपने परिवार की ज़िम्मेदारी छोड़ना नहीं चाहता था। इसी बात से नाराज होकर संध्या अपने घर लौट रही थी।


लेकिन अब इस वक़्त उसे विनोद की याद आ रही थी। वो एक पल के लिए ही सही विनोद को देखना चाहती थी और उसकी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेना चाहती थी उसी एक पल में.



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