Madhu Vashishta

Action Classics Inspirational

4.5  

Madhu Vashishta

Action Classics Inspirational

एक बार देखा तो होता

एक बार देखा तो होता

3 mins
398


चाची जी की बेटी नीतू और मैं बहने कम और सहेलियां ज्यादा थी। नीतू दी बहुत सुंदर और सर्वगुणसंपन्न थी। कालिज की टॉपर , एक्ट्रेस, हर तरह की प्रतियोगिताओं में भाग लेना और जीतना भी लगभग तय ही होता था। दीदी के लिए रिश्ते तो कालिज के समय से ही आ रहे थे पर चाचा जी की इच्छा थी कि दीदी पहले अपनी एम एस सी पूरी कर लें।

पढ़ाई खत्म होते ही दीदी के लिए रिश्तों की लाइन लग गई थी, हो भी क्यों ना चाचा जी का नाम भी गणमान्य व्यक्तियों में लिया जाता था और हमारा परिवार भी सम्भ्रांत परिवारों में से एक था।

चाची जी जब भी कोई रिश्ते के बारे में बात करती तो दीदी और मैं उस रिश्ते में कोई न कोई कमी निकाल कर हंसते ज़रूर थे। उस दिन जब मैं कालेज से आई तो घर एकदम साफ सुथरा था खाने की प्लेटें बहुत सलीके से ड्राइंग रूम में भेजी जा रही थीं। मुझे देखते ही चाची जी बोली कोई तमाशा नहीं करना नीतू को देखने के लिए चाचा जी के दोस्त चावला अंकल के कोई रिश्तेदार आए हैं बहुत अच्छे लोग हैं और पीछे दो ब्लाक छोड़ कर उनका घर है। मैं भी दीदी के पास ड्राइंग रूम में पहुंच गई। वहां लड़के की दादी दीदी को बहुत प्यार कर रही थी और बोली हमारे गोबर के लिए मुझे तो एकदम ऐसी ही बहू चाहिए। उनके जाने के बाद सब बहुत खुश थे पर दीदी का दिमाग तो सातवें आसमान पर था वो चिल्ला के बोली क्या मैं कोई गोबर से शादी करूंगी। मैंने भी दीदी का साथ दिया और बोला लोग कहेंगे मिसिज गोबर छी कितना बुरा लगेगा। चाची चिल्लाती रही उसका नाम गोवर्धन है दादी ने प्यार से बोला होगा एक बार देख तो ले पर नहीं एक बार न कह दिया तो न।

कुछ समय बाद दीदी और चाची जब अहमदाबाद अपने मामा के घर गयी तो वहां से फोन आया कि दीदी के लिए वहां ही एक बहुत अच्छा लड़का मिल गया और सगाई की रस्म भी वहां ही हो गई और शादी की तारीख भी तय हो गई।

दीदी घर आईं और अक्सर अब जीजाजी से ही फोन पर बात करती रहती। शादी हो कर अहमदाबाद चली गईं। वहां से ही उनके बेटे होने की खबर आई और उनका फोन आया कि वो कुछ दिन रहने के लिए भी आएंगी । उनके आने के बाद बहुत अच्छा लगा। लगा पुराने दिन लौट आएं हों। उस दिन जब चाचा जी जल्दी आ गए थे तो हम दोनों भाग कर उनकी गाड़ी में चढ़ गये और बोले हमें मार्केट जाना है। चाचा जी ने ड्राइवर को रिलायंस स्टोर की और जाने को बोला । गाड़ी से हम जैसे ही उतरे हमारे साथ ही एक गाड़ी आ कर लगी उसमें से एक बहुत ही प्रभावशाली नवविवाहित जोड़ा मुस्कराते हुए उतरा। लड़की के चूड़े से अंदाजा होता था कि वह नवविवाहित हैं। हम उन्हें रास्ता देते या कुछ सोचते उससे पहले ही उस सुदर्शन से लड़के ने चाचा जी के पैर छू लिए। चाचा जी ने भी मुस्कुराकर उसे उठाया और पूछा कैसे हो गोवर्धन? फिर हमें देख कर बोले ये गोवर्धन हैं, हमारे घर के पीछे ही रहते हैं। हमने भी उन्हें मुस्कुरा कर हैलो बोला और आगे बढ़ गये। हम दोनों बहनों ने भी एक दूसरे की आंखों में देखा और कुछ नहीं बोले।

अब भी एक बात समझ नहीं आ रही थी कि नाम में कुछ नहीं रखा या सब कुछ नाम में ही रखा है। एक बार देख तो लिया होता।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Action